मंगलवार, दिसंबर 31, 2013

बाबा रामदेव: 1 मार्च से घर-घर जाकर वोट फार मोदी कैंपेन चलाएंगे

Tue, Dec 31, 2013 at 1:58 PM
कहा-लोगों को पानी मुफ्त देना सरकार का दायित्व
केजरीवाल ने नया क्या किया
अमृतसर: 31 दिसंबर 2013 : (गजिंदर सिंह किंग//पंजाब स्क्रीन//इर्द गिर्द): 
देश में भ्रष्टाचार समाप्त करने और विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार से टक्कर लेने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने स्पष्ट किया है, कि इस समय देश को नरिंदर मोदी जैसे दिग्गज नेता की जरूरत है, जो लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन देने में समर्थ हैं। वह आज अमृतसर पहुंचे थे। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा, कि 2014 में देवत्व की स्थापना के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर भी उनका आंदोलन जारी रहेगा। अपने आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, कि एक मार्च से वह और उनके कार्यकर्ता पूरे देश में घर-घर जाकर वोट फार मोदी और भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों के खिलाफ वोट करने के लिए लोगों से अपील करेंगे। इसके अलावा 23 मार्च को शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में वह दिल्ली में एक बहुत बड़ा योग कैंप लगा रहे हैं, जिसमें एकसाथ पूरे देश में करीब दस करोड़ लोग एकसाथ योगाभ्यास करेंगे।
   नरिंदर मोदी के प्रचारक के रूप में बाबा रामदेव के आगे आने के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, कि वह नरिंदर मोदी के प्रचारक नहीं है। बल्कि वह इसलिए उनका साथ दे रहे हैं, क्योंकि नरिंदर मोदी और उनके मुद्दे एकसमान है। इसलिए वह नरिंदर मोदी का प्रचार करने में जुटे हुए हैं। आम आदमी पार्टी की ओर से सत्ता में आते ही लोगों को मुफ्त पानी जैसी सुविधा दिए जाने के बारे में बाबा रामदेव ने कहा, कि इसमें केजरीवाल ने नया क्या किया। उन्होंने कहा, कि पहले आम आदमी पार्टी को अपनी विचार धारा स्पष्ट करनी होगी कि उनकी विचारधारा वामपंथी है या कुछ और। दिल्ली में नरिंदर मोदी के जादू के फेल होने के बारे में बाबा रामदेव ने कहा, यदि वहां मोदी फैक्टर नहीं चला होता, तो भाजपा की हालत कांग्रेस से भी बदत्तर होती।

गुरुवार, नवंबर 14, 2013

Each image of Kashmiri Hindu House is stark,

Plain-spoken, without embellishment
14-06-2009 को अपलोड किया गया
My Lost Home
Video Produced by: Deepak Ganju
Images: Veer Munshi & Deepak Ganju
Song: Arti Tiku Kaul
See at shehjar Magazine at:http://www.shehjar.com/list/94/840/1....

Each image of Kashmiri Hindu House
is stark, plain-spoken, without embellishment.
There is no annotati ve manipulati on of these
images, no theatricality, no vein of melodrama,
no overtly elegiac air, no demand for sympathy.
There they stand, in our line of sight: ruins,
monuments, memorials.
This is testimony to the unforgiving march of
history, which takes no prisoners.
'Ranjit Hoskote'  (Courtesy: YouTube)

सोमवार, अक्तूबर 07, 2013

सड़कों पर पहुंचा लुधियाना का मजदूर आंदोलन

Mon, Oct 7, 2013 at 5:30 PM
श्रम विभाग पर रोषपूर्ण प्रदर्शन:चौथे दिन भी नहीं हुआ कोई फैसला 
लुधियाना:07 अक्टूबर 2013: (*विश्वनाथ//पंजाब स्क्रीन ब्यूरो):ऊपर खुला आसमान, नीचे जमीन, कड़कती धुप में एक बार बुलंद हो रहा था वही पुराना नारा---
हर जोर ज़ुल्म की टक्कर में हडताल हमारा नारा है    
आज हड़ताली टेक्सटाइल मजदरों ने श्रम विभाग कार्यालय पर रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। वास्तव में उनके पास कोई और रास्ता शायद बचा ही नहीं था। श्रम विभाग ने मजदूरों और मालिकों को आज की तारीख पर श्रम कार्यालय बुलाया था। लेकिन वहाँ न मालिक मिले न श्रम अधिकारी। टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविन्दर ने बताया कि मालिकों के साथ साथ श्रम अधिकारियों द्वारा अपनाए जा रहे यह मजदूर विरोधी रवैया मजदूरों को कतई झुका नहीं पाएगा बल्कि इससे मजदूरों में रोष को और भी बढ़ गया है। मजदूर अपने अधिकार हासिल करके ही काम पर लौंटेंगे भले ही उन्हें कितनी भी लम्बी हड़ताल क्यों न लडऩी पड़े। जैसे साहिर साहिब के शब्दों में कह  रहे हों---
तुम समझौते की आस रखो हम आगे बढ़ते जायेंगे 
इस समय 36 कारखानों के मजदूर टेक्सटाइल हौजरी कामगार यूनियन के नेतृत्व में हड़ताल पर हैं। 40 कारखानों में पहले ही 15 प्रतिशत वेतन/पीस रेट वृद्धि और 8.33 प्रतिशत सालाना बोनस की माँग पर समझौता हो चुका है। लेकिन 36 कारखानों के मालिक मजदूरों को उनके कानूनी अधिकार देने को तैयार नहीं हैं। 
श्रम विभाग कार्यालय पर हुए प्रदर्शन में कई अन्य संगठनों के नेताओं ने समर्थन जाहिर किया। प्रर्दशन को टेक्सटाइल हौजरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष राजविन्दर, कारखाना मजदूर यूनियन के संयोजक लखविन्दर, मोल्डर एण्ड स्टील वर्कज यूनियन के हरजिन्दर सिंह, इंटक के उपाअध्यक्ष सबरजीत सिंह सरहाली व टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन के समिति सदस्यों विश्वनाथ, प्रेमनाथ, गोपाल आदि ने सम्बोधित किया। सभी मजदूरों ने जोशीले नारों के साथ यह ऐलान किया कि उनकी लड़ाई हक हासिल होने तक जारी रहेगी।

*विश्वनाथ टेक्सटाइल-हौजरी कामगार यूनियन, पंजाब (रजि.) के सचिव हैं   

शनिवार, सितंबर 07, 2013

कृपालु महाराज अपने बेडरूम में शिष्याओं को दान में देते हैं प्रेम ?

15 सालों तक कृपालु के आश्रम में रहीं, अब ठगा महसूस करती हैं केरेन 
Comrade Aman Mishra Dyfi ने आज बाद दोपहर करीब ढाई बजे पोस्ट की एक रचना में कृपालू महाराज को भी आड़े हाथों लिया है। समाज को खोखला कर रहे, संघर्ष की शक्ति को कुंद कर रहे और पूंजीवाद के जीवन को और लम्बा कर रहे ये डेरे-ये बाबे क्या हैं…पढ़िये कामरेड मिश्रा की इस पोस्ट में आपको उनके विचार कैसे लगे अवश्य लिखें। यदि आप उनसे सहमत न भी हुए तो भी आपके विचारों को स्थान अवश्य मिलेगा पर उनका  तर्क आधारित और उचित शब्दों में होना आवश्यक है। गाली गलौज और व्यक्तिगत रंजिश से भरी कोई बात न भेजें। यदि आपका इस मामले में कोई अनुभव रहा हो तो उसे भी भेजने में संकोच न करें। उस रचना से सबंधित तस्वीर भी अवश्य भेजने का प्रयास करें।  हम आपके विचार आपके नाम से प्रकाशित करेंगे। अगर किसी को अपना नाम ज़ाहिर करने में संकोच हो तो स्पष्ट लिखें आपका नाम ज़ाहिर नहीं किया जायेगा। --रेक्टर कथूरिया 
   उनके पूर्व गुरु की बेडरूम गतिविधियों की तीखी आलोचना होती है। केरेन के मुताबिक, 
'चूंकि उन्हें भक्त कृष्ण का अवतार मानते हैं, इसलिए उनका सेक्शुअल टच ईश्वरीय प्रेम का उपहार या प्रेमदान मान लिया जाता है

भारत में ऐसे कई संत हैं, जिन पर धर्म के खिलाफ जाकर आचरण करने का आरोप लग चुका है। खुद को कृष्ण और चैतन्य प्रभु का अवतार और जगतगुरु बताने वाले विवादास्पद आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज ऐसे ही आरोपों से घिरे 'संत' हैं। उनके दामन पर महिलाओं से अभद्रता के आरोपों के दाग हैं। कृपालु महाराज की एक शिष्या केरेने जॉनसन ने 'सेक्स, लाइज एंड टू हिंदू गुरुज: हाउ आई वॉज कॉन्ड बाई अ डैंजरस कल्ट' नाम की किताब में कृपालु महाराज के आश्रमों में चल रही गतिविधियों और खुद कृपालु महाराज के चरित्र को लेकर कई संगीन आरोप लगाए हैं।15 सालों तक कृपालु के आश्रम में रहीं, अब ठगा महसूस करती हैं केरेन 
कृपालु महाराज की पूर्व अमेरिकी शिष्या केरेन जॉनसन का कहना है कि उनका अपने पूर्व गुरु के यहां 15 सालों का तजुर्बा बहुत ही खराब रहा। अपने बारे में केरेन बताती हैं, 'मैं जगदगुरु कृपालु परिषद (जेकेपी) संप्रदाय की सदस्य थी। मैं अमेरिका के ऑस्टिन शहर में जेकेपी आश्रम में 15 सालों तक रही। पहले इस आश्रम को बरसाना धाम कहा जाता था। जब मुझे लगा कि मैं एक खतरनाक संप्रदाय का हिस्सा हूं तो मुझे लगा कि इसकी पोल खोलना जरूरी है। मैं शुरुआत में आध्यात्मिकता की तलाश कर रही मासूम युवती थी। लेकिन अब मैं इंसाफ चाहती हूं। मैं उन लड़कियों और बच्चों के लिए लड़ना चाहती हूं जो इन गुरुओं का शिकार बनीं।' कृपालु महाराज की पूर्व अमेरिकन शिष्या केरेन जॉनसन का कहना है कि उनके पूर्व गुरु की बेडरूम गतिविधियों की तीखी आलोचना होती है। केरेन के मुताबिक, 'चूंकि उन्हें भक्त कृष्ण का अवतार मानते हैं, इसलिए उनका सेक्शुअल टच ईश्वरीय प्रेम का उपहार या प्रेमदान मान लिया जाता है। कृपालु महाराज कई महिलाओं को आपत्तिजनक तरीके से छूते हैं। वे महिलाओं को चरण-सेवा के लिए भी आमंत्रित करते हैं। चरण-सेवा के तहत कृपालु महाराज की मालिश की जाती है और इसमें सेक्शुअल टच भी शामिल होता है।'

मदरसे आतंक की फेक्ट्री और अपने आश्रम संस्कृति के जनक?

रविवार, सितंबर 01, 2013

'अहिंसा संदेशवाहक' शुरू

31-अगस्त-2013 17:59 IST
शुभारंभ किया यूपीए अध्‍यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने
इस अवसर पर श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' से महिला सशक्तिकरण
यूपीए अध्‍यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने आज यहां महिला और बाल विकास मंत्रालय के 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने समारोह की अध्‍यक्षता की। पंचायती राज और जनजातीय मामले मंत्री श्री वी. किशोर चंद्र देव और संसद सदस्‍य श्री जे. पी. अग्रवाल भी मौजूद थे। समारोह में दिल्‍ली एनसीआर से करीब 30 हजार बालिकाओं ने हिस्‍सा लिया, जिन्‍हें राजीव गांधी किशोरी अधिकारिता कार्यक्रम या सबला से लाभ प्राप्‍त हुआ है।
इस अवसर पर श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' सीधे रुप से महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के साथ जुड़ा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि ये 'अहिंसा संदेशवाहक' महिलाओं के कानूनी अधिकारों और उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के बारे में जागरूकता और ज्ञान का प्रचार करेंगे। श्रीमती गांधी ने कहा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उन्‍हें गरिमा प्रदान करने के लिए लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें किशोर बालकों को भी शामिल किया गया है। उन्‍होंने कहा कि सबसे पहले आंगनवाडि़यों ने कुछ महिलाओं को 'अहिंसा संदेशवाहक' का प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्रीमती गांधी ने कहा कि पंचायती राज संस्‍थानों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से लाखों महिलाओं को अपनी बात कहने का हक मिला है। 
श्रीमती गांधी ने यह भी कहा कि सिर्फ नीतियां घोषित करने और कानून लागू करने से महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं हो पाएगा। उन्‍होंने इसके लिए कानून और नीतियों को निचले स्‍तर पर कारगर ढंग से लागू करने की आवश्‍यकता पर बल दिया। 

महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने कहा कि महिलाएं समाज के विकास में तभी योगदान कर सकती हैं जब उन्‍हें मानसिक, सामाजिक, शैक्षिक और वित्‍तीय दृष्टि से अधिकारिता प्रदान की जाए। उन्‍होंने बताया कि 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम की परिकल्‍पना 2009 में की गयी थी। उन्‍होंने बताया कि आज सबला के अंतर्गत एक करोड़ लड़कियों को 'अहिंसा संदेशवाहक' का कार्य संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य महिलाओं और बच्‍चों के खिलाफ होने वाली हिंसा पर काबू पाना है। कार्यक्रम में किशोर और किशोरियों दोनों को ही शामिल किया गया है। 

इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्रालय की सचिव सुश्री नीता चौधरी और अन्‍य वरि‍ष्ठ अधिकारी भी उपस्‍थित थे। (PIB)
वि. कासोटिया/देवे

 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ 

सोमवार, अगस्त 26, 2013

बापू आसाराम के समर्थकों ने भी दिया आमने सामने की जंग का संदेश

संत आसा राम  के खिलाफ किए जा रहे दुष्प्रचार का किया डट कर विरोध 
प्रदर्शनकारियों ने तीखे तेवरों में सौंपा जिला प्रशासन को ज्ञापन  
लुधियाना 26 अगस्त ( *जितेन्द्र सचदेवा/पंजाब स्क्रीन) योग वेदान्त सेवा समिति के नेतृत्व में हजारों साधको ने परम पूज्नीय संत श्री आसा राम जी के विरुद्ध षडंयत्र के तहत किए जा रहे दुष्प्रचार के विरोध में जगरांवपुल स्थित दुर्गा माता मन्दिर से मिनी सचिवालय तक हरि बोल-हरि बोल का जाप करते हुए रोष मार्च कर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। प्रर्दशनकारी हाथों में संतो का अपमान नहीं सहेगा हिन्दोस्तान,षडयंत्रकारियो पर त्वतरित कारवाई,संत का निंदक महा हत्यारा, सांच को आंच नहीं , झूठ के पैर नहीं, षडयंत्रकारियों से सावधान की तखतियां उठाए रोष प्रकट कर रहे थे। योग वेदान्त समिति की लुधियाना इकाई ने जिला प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में बाबू आसा राम जी के खिलाफ बिना आरोप सिद्ध हुए प्रसारित हो रहे बेबुनियाद समाचारों के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की। योग वेदान्त सेवा समिति लुधियाना के अध्यक्ष जतिन्द्र सचदेवा,उपाध्यक्ष रमेश शर्मा व वरिष्ठ सदस्यों सुरिन्द्र कपूर, विजय सूद, मंगत राय, शीतल महिन्द्रा,चेतन वर्मा, राजेश सचदेवा,शशी ओझा, महिन्द्रपाल गुप्ता, एस के नैय्यर, भारत भूषण, रोशन लाल, रमन वर्मा, मोहन लाल शर्मा ने कहा कि परम पूज्नीय संत श्री आसा राम जी के विरुद्ध षडंयत्र के तहत कुप्रचार होने के चलते हजारों साधकों की धार्मिक भावनाओ को ठेस पंहुच रही है। वहीं भारतीय संस्कृति के आधार स्तम्भ माने जाने वाले इस महान संत के खिलाफ कुप्रचार व मनघड़न्त समाचारों के प्रसारण से बापू जी ने विश्वास व अटूट श्रद्धा रखने वाले हजारों साधकों व श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाए आहत हुई है। और उनका सामाजिक जीवन भी तनावग्रस्त हो रहा है। रोष मार्च को सफल बनाने में सुरिन्द्र कौशल, प्रेम शर्मा,सुभाष अरोड़ा, अमन खुराना, देसराज गोगना,सुरिन्द्र नागपाल, साहू, सुरिन्द्र वासन, सुरिन्द्र बांसल, पिताम्बर गर्ग, त्रिपाठी जी, अश्वनी शर्मा, पप्पी भाई, के एन मंडल, गौरव, बहन हेमलता, सरोज, कविता, नारी उत्थान प्रचार मंडल की अध्यक्ष रेखा शर्मा, अनिता नागपाल सहित लुधियाना,जगराओं, फिल्लौर, खन्ना व मलेरकोटला से हजारों साधको,विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के स्वयं सेवको ने भी विशेष योगदान दिया।

*जतिन्द्र सचदेवा  योग वेदान्त सेवा समिति लुधियाना के अध्यक्ष हैं और उनका मोबाईल नम्बर है: 98150-83004

गुरुवार, अगस्त 22, 2013

बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन तीन दिवसीय हडताल पर

बुधवार से बजाया हडताल का बिगुल
लुधियाना:21 अगस्त 2013:(रेक्टर कथूरिया//इर्द गिर्द ब्यूरो): अपनी मांगों पर जोर देने के लिए भारत संचार निगम लिमिटेड के कर्मचारी एक बार फिर संघर्ष की राह पर हैं। बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन एंड नेशनल फेडरेशन के सदस्यों ने बुधवार को अपनी मांगों को लेकर बड़े हो जोशो खरोश से तीन दिवसीय हड़ताल की शुरुआत की। इस दौरान इन मुलाज़िमों ने अपनी मांगों को लेकर मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की और इस मुद्दे पर अपनी एकजुटता का सबूत दिया।
 इस बार भी इन संघर्षशील मुलाज़िमों को न तो कड़कती धुप की कोई चिंता थी और न ही बार बार घिर  कर बरसात करते बादलों की। ये मुलाजिम अपनी ही धुन में मग्न थे और याद दिल रहे थे अपने इरादों की-जैसे कह रहे हों-हर जोर-ज़ुल्म की टक्कर में हडताल हमारा नारा है !  यूनियन के डिस्ट्रिक्ट सेक्रेट्री बलविंदर सिंह ने कहा कि मैनेजमेंट द्वारा उन्हें दी जाने वाली एटीसी व मेडिकल सुविधा में उनकी मांग के अनुसार मसौदा तैयार नहीं किया गया इस लिए वे मजबूर होकर हडताल की राह पर उतरे हैं। 
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बंद किया पांचवा मेडिकल शुरू हो, पीएलआइ बोनस दिया जाए, 1-1-2007 के बाद भर्ती किए गए कर्मचारियों की वेतन बढ़ाया जाए, कर्मचारियों को ईएसआइ और आइकार्ड की सुविधा दी जाए, कर्मचारियों में किसी तरह की कोई छंटनी न की जाए, आदि उनकी मांगें हैं। मुलाजिम नेता बलविंदर सिंह ने कहा कि जबतक मैनेजमेंट उनकी मांगे नहीं मानेगी, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। हम अपनी मांगें मनवाए बिना चैन से नहीं बैठेंगे। 
इस मौके पर बुध सिंह, परमीत सिंह, अवतार सिंह जंडे, अमरजीत चंदर, जसवंत सिंह, गुरचरण सिंह, सुरिंदर सिंह, सुरजीत सिंह, तजिंदर सिंह, प्रेम सिंह, सुदेश जोशी, अमरीक सिंह, सुरजीत सिंह, भगवंत सिंह, आरपी जाहू, विजय वर्मा, मोहिंदर सिंह, मलकीत चंद व यूनियन के बहुत से अन्य नेता व सक्रिय सदस्य भी मौजूद थे। अब देखते हैं कि सरकार के दरबार में इनकी सुनवाई कब होती है और कब होता है इनकी जीत का जश्न ?
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मंगलवार, अगस्त 20, 2013

प्रतिबंधित/नामंजूर दवाएं

20-अगस्त-2013 16:42 IST
29 दुकानों में बेचीं जा रही थीं प्रतिबंधित दवाएं
कोई दवा एक देश में प्रतिबंधित हो सकती है लेकिन दूसरे देशों के बाजार में बेची जा सकती है, क्‍योंकि हर देश की सरकारें दवा के इस्‍तेमाल, खुराक, उससे जुड़े जोखिम, अनुपात के बारे में अलग-अलग निर्णय लेती है। राज्‍य औषधि नियंत्रण विभाग अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री पर नियंत्रण रखने के लिए छापे डालते हैं। 2011 में दिल्‍ली और मुंबई के पास केन्‍द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने छापे डाले। जैटिफलॉक्‍स सेसिन, टिगासरोड, रोजीगिलिटाजोन की वापसी के लिए यह छापे डाले गए थे, क्‍योंकि ये दवाएं प्रतिबंधित की गई थीं। यह पाया गया कि 29 दुकानों में भारत के गजट में अधिसूचना जारी होने के बाद प्रतिबंधित दवाएं बेची जा रही थीं। इन मामलों में औषधि तथा प्रसाधन कानून-1940 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की गई।
     औषधि महानियंत्रक की मंजूरी के बिना राज्‍य के लाइसेंसिंग प्राधिकरणों ने नई दवाएं समझकर तय खुराक वाले मिश्रणों के 23 मामलों को मंजूरी दी। राज्‍य की लाइसेंसिंग प्राधिकरणों से कहा गया कि वे इन मामलों में औषधि तथा प्रसाधन कानून-1940 के तहत कार्रवाई करें।
     नई दवाओं की मंजूरी केन्‍द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन देता है। यह मंजूरी नान- क्लिनिकल डाटा, सुरक्षा संबंधी क्लिनिकल डाटा, तथा दूसरे देशों में उनकी नियामक स्थिति को देखकर दी जाती है, लेकिन ऐसे मामले में क्लिनिकल जांच की जरूरत नहीं होती, जिनमें दवाएं अन्‍य देशों में उपलब्‍ध डाटा के आधार पर मंगाने की मंजूरी सार्वजनिक हित में लाइसेंसिंग प्राधिकरण देता है।
     सीडीएससीओ ने बिना क्लिनिकल जांच के निम्‍न संख्‍या में दवाओं की मंजूरी दी- 
 वर्ष
 बिना क्लिनिकल जांच के मंजर दवाओं की संख्‍या
 2010
    13
 2011
     3
 2012  
     8
 2013(जुलाई तक)
     2
यह जानकारी आज लोकसभा में स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद ने एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में दी।     (PIB)
इ.अहमद/गांधी/यशोदा- 5709  

शुक्रवार, अगस्त 09, 2013

लुधियाना में भी जगा तीज का जादू

मास्टर तारा सिंह मेमोरियल कालेज में हुआ रंगारंग कार्यक्रम
लुधियाना: 8 अगस्त; 2013: (रेक्टर कथूरिया/पंजाब स्क्रीन): तीज का त्योहार इस बार भी हर तरफ हर्षो उल्लास और धूमधाम से मनाया गया इस सम्बन्ध में एक शानदार कार्यक्रम लुधियाना के मास्टर तार सिंह मेमोरियल कालेज में भी हुआ हर बार की तरह इस बार भी कॉलेज में सजी-धजी मुटियारें हर तरफ मस्ती, डांस और पंजाबी गानों की धूम से  पूरे माहौल को संगीत और डांस के जादू से यादगारी बना रहीं थीं। कार्यक्रम के दौरान कुछ अलग सा ही नजारा था मास्टर तारा सिंह मेमोरियल कॉलेज फॉर वुमन का। गौरतलब है कि इस बार कालेज में तीज कार्यक्रम के साथ-साथ फ्रेशर पार्टी का भी आयोजन किया गया। आसमान में आँख मिचोली खलते बादल, सावन की फुहारें, सजी-संवरी, झूला-झूलतीं पंजाबी पहरावे में मोहक लगती मुटियारें तो कहीं मेंहदी रचाती लड़कियां हरव तरफ एक अलग सा रंग था। कहीं रंग-बिंरगी चूडिय़ों की खनखनाहट सुने दे रही थी तो कहीं मुटियारों के सिर पर सजी संतरंगी चुन्नियां और सगी-फूल टीका कोका भूले बी इसरे पंजाब के याद ताज़ा करा रहे थे। वातवरण में गूंजती पंजाबी लोक धुनें और गिद्दे की धमक ने मंच पर एक बार तो वही पंजाब रच दिया था जो अब तेज़ी से लुप्त होता जा रहा है।
        हर तरफ रंग था, जोश था, उत्साह था और आधुनिकता के साथ साथ अपनी परम्परा को अपने साथ बनाये र्ख्न्र का दृढ़ संकल्प भी था पंजाब की परम्परा को दिखाती पंजाबी ड्रेस और आधुनिक जमाने के साथ कदम मिलाने का जोश दिखाती वेस्टर्न ड्रेस में सजी लड़कियां अपनी परफार्मेंस देने का इंतजार कर रही थीं। 
अपने टीवी के अतीत को एक बार फिर ज्वलंत करती तेजिन्द्र कौर और उसकी टीम की सदस्याएं अपने मनमोहक बोलों और खनखनाती सुरीली आवाज़ के साथ दर्शकों को शुरू से लेकर अंत तक बांधे रखने में कामयाब रहीं दर्शक और श्रोता मन्त्र मुग्ध हुए नजर आ रहे थे जैसे उन पर किसी ने जादू कर दिया हो। संगीत का जादू, मस्ती का जादू, कुछ बन दिखाने का जोश, कुछ कर दिखाने का संकल्प---तीज के बहाने से इन छात्रायों में छुपी कला और आगे बढने की ललक पंख लगा कर बाहर आ रही थी। सुनिश्चित है की अगर यह कार्यक्रम न हुआ होता तो उह कला अंतर मन के किसी कोने में लगातार छुपी की छुपी ही रह जाती
         इस मौके पर कॉलेज प्रबंधक कमेटी के प्रधान स्वर्ण सिंह तथाप्रबंधक कमेटी के ठेकेदार कंवलइंद्र भी मौजूद रहे।  कॉलेज प्रिंसीपल प्रवीण कौर चावला ने जहाँ तीज के महत्व की चर्चा की वहीँ नई छात्रयों को सुस्वागतम भी कहा मिस तीज और मिस फ्रेशर प्रतियोगिता भी करवाई गई। जिसमें तियां दी रानी अर्शदीप कौर, कुड़ी पंजाबण हरमनदीप कौर बनीं तथा कुड़ी मजाजण का ताज नवदीप कौर के सिर सजा। नए आए स्टूडेंट्स के लिए मिस फ्रेशर ऐश्वर्या बनी, फस्र्ट रनरअप शिफाली और सेकेंड रनरअप हरप्रीत कौर बनीं। सभी विजेताओं को प्रधान स्वर्ण सिंह, कंवलइंद्र सिंह ठेकेदार और प्रिंसीपल प्रवीण कौर चावला ने सम्मानित किया।

लुधियाना: हर्षो-उल्लास से मनाया गया तीज का त्यौहार 

लुधियाना के कालेज में रही तीज की धूम 

लुधियाना में भी जगा तीज का जादू 

शुक्रवार, जुलाई 26, 2013

श्री अकाल तख्त साहिब: बहुत ही विनम्रता से पेश हुए सरना बन्धु

Fri, Jul 26, 2013 at 8:51 PM
दायर केस को वापस लें सरना बंधु-जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब 
कहा-अपनी भूलों की क्षमा याचना के लिए गुरुद्वारा रकाबगंज में करवाए श्री अखंड पाठ 
यथा शक्ति मुताबिक लंगर लगाने का भी आदेश 
श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का इन-बिन करेंगे पालन-सरना बंधु
अमृतसर (गजिंदर सिंह किंग) नवंबर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की यादगार के खिलाफ हाईकोर्ट में पटिशन दायर करने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किए गए सरना बंधुओं को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने श्री अकाल तख्त साहिब से आदेश दिया है, कि वह उक्त केस को तुरंत वापस लें। इसके अलावा सरना बंधुओं को यह भी आदेश दिया गया है कि वे क्षमा याचना के लिए गुरुद्वारा रकाबगंज में श्री अखंड पाठ के साथ-साथ यथा शक्ति मुताबिक लंर लगाए। उधर, इस मौके पर सरना बंधुओं ने कहा, कि हम श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले को मंजूर करते हैं। 
         नवंबर 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की यादगार को गुरुद्वारा रकाब गंज में बनाए जाने के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने पर श्री अकाल तख्त साहिब पर तलब किए गए परमजीत सिंह सरना अपने भाई के साथ आज पांच सिंह साहिबानों के समक्ष पेश हुए। इस दौरान उन्होंने पांच सिंह साहिबानों को अपना लिखित स्पष्टीकरण पेश किया। पांच सिंह साहिबानों ने विचार करने के बाद परमजीत सिंह सरना और उनके भाई मंजीत सिंह सरना पर अपना फैसला ले लिया। पांच सिंह साहिबानों के इस फैसले को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने श्री अकाल तख्त साहिब से सुनाया। जिसमें आदेश दिया गया कि सरना बंधु तुरंत कोर्ट में दायर किए गए केस को वापस लें। इसके साथ वे दोनों सिख दंगों के पीड़ित परिवारों के साथ गुरुद्वारा रकाबगंज में श्री अखंड पाठ रखवाएं और यथा शक्ति मुताबिक लंगर भी लगाएं और अपनी भूलों की क्षमा याचना करें।
      इससे पूर्व सिंह साहिबानों से मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए परमजीत सिंह सरना और हरविंदर सिंह सरना ने स्पष्ट किया, कि वे श्री अकाल तख्त साहिब को समर्पित हैं और श्री अकाल तख्त साहिब के प्रत्येक आदेश की इन-बिन पालना करेंगे। उन्होंने कहा, कि सिंह साहिबानों ने उनसे यही वादा लिखित में भी लिया है। परमजीत सिंह सरना ने यहां फिर स्पष्ट किया, कि वह सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों की यादगार के खिलाफ नहीं है। बल्कि वह यह नहीं चाहते हैं, कि गुरुओं के शहीदी स्थल में किसी अन्य की शहीदी यादगार की स्थापना हो। सजा सुनने के बाद भावुक हुए परमजीत सिंह सरना ने कहा, कि वह हमेशा से ही श्री अकाल तख्त साहिब को समर्पित रहें हैं। उन्होंने कहा, कि उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब से जो भी हुकुम हुआ है, वह उन्हें मंजूर है।  
सरना बन्धु श्री अकाल तख्त साहिब के सामने नतमस्तक

रविवार, मई 26, 2013

प्रधानमंत्री ने नक्सली हमले में घायल हुए लोगों से मुलाकात की

26-मई-2013 17:32 IST
पीड़ित परिवारों को सहायता और अपराधियों को सज़ा दिलाने का संकल्प
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कल छत्तीसगढ़ में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी शोक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के साथ रायपुर अस्पताल का दौरा करके घटना में घायल लोगों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की।

प्रधानमंत्री इस नृशंस हमले की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से हिंसा के खिलाफ लड़ाई में देश की दृढ़ता में कमजोरी नहीं आएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस हमले के जिम्मेदार अपराधियों को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने देश को आश्वासन भी दिया कि सरकार अपराधियों को सज़ा दिलाने के प्रति वचनबद्ध है।

उन्होंने राज्य प्रशासन से घायलों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा उपचार देने को कहा। डॉ. मनमोहन सिंह ने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों को प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय राहत कोष से पांच लाख रुपए और घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने राज्य के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ छत्तीसगढ़ में सुरक्षा स्थिति का भी जायजा लिया। उन्होंने स्थिति से निपटने के लिए राज्य को हर संभव सहायता देने का भी आश्वासन दिया।

डॉ मनमोहन सिंह ने कहा कि इस तरह के बर्बर कृत्य करने वाले अपराधी क्षेत्र में विकास और शांति के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। (PIB)
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सरकार के विरूद्ध युद्ध की तैयारी कर रहे नक्‍सलवादी                                 लाल सलाम 




गुरुवार, अप्रैल 18, 2013

पीरखाना लुधियाना में मेला बीस अप्रैल से शुरू

सब तैयारियां मुक्कमल सब लोग जुटे हैं मेले की सफलता में
लोगों को शराब जैसे नशे और अनैतिक मार्गों से हटा क सदाचार और भक्ति राह पर लाने में जुटे न्यू अग्रवाल पीरखाना लुधियाना में इस बार फिर सूफी मेले की तैयारियां जोरों शोरों से मुक्कमल हो रही हैं। इस बार संगत इतने अधिक उत्साह से आ रही है कि पंडाल के लिए सजाई गई ढाई एकड़ जमीन भी कम पड़ने की आशंका पैदा गौरतलब है कि तन्त्र, मन्त्र, भक्ति और अध्यात्मिक ढंग तरीकों से लोगों को राहत प्रदान करने के मामले में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है लुधियाना का न्यू अग्रवाल पीरखाना आज पूरी तरह एक प्रमुख मेला स्थान बना नजर आ रहा था। कहीं पर झूल्ले, कहीं पर लंगर, कहीं पर रौशनी की सजावट करती  टीम, कहीं पर पंडाल की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरों का परीक्षण करती  टीम। सब लोग यहाँ बिना किसी वेतन के इस तरह जुटे थे जैसे उनके घर में कोई बड़ा कार्यक्रम हो रहा हो।
जी हां तन्त्र, मन्त्र, भक्ति और अध्यात्मिक ढंग तरीकों से लोगों को राहत प्रदान करने के मामले में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है लुधियाना का न्यू अग्रवाल पीरखाना और इस दरबार के मुख्य सेवादार बंटी बाबा आजकल पूरी तरह व्यस्त हैं मेले के आयोजन में। सब लोग इस दरबार के इश्क में खाने पीने और सोने की सुध भूल कर इस मेले की सफलता में जुटे हैं। श्री लखदाता पीर जी निगाहें वाले का जन्म दिन इस बार भी बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। बंटी बाबा की देख रेख और मार्गदर्शन में लुधियाना के न्यू अग्रवाल पीरखाना में इस बार भी यह मेल पूरे जोशो खरोश के साथ लग रहा है। इस बार लगने वाले मेले का स्वरूप पहले के सभी मेलों से विशाल होगा। आयोजन की सफलता के लिए बनी गई अलग अलग टीमें कुशलता से अपना अपना काम कर रही हैं। मेले की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लुधियाना के गली बाजारों में एक बार फिर उत्साह पूर्ण चहल पहल है। मेले से पहले ही मेले का माहौल बना हुआ है। गौरतलब है कि इस बार मेले में सूफी गायन को नई बुलंदियों पर पहुँचाने वाले गुरदास मान भी विशेष तौर पर पहुँच रहे हैं। बाबा जी की पवित्र चादर अजमेर शरीफ से लाई जा रही है। लोगों के उत्साह को देखते हुए इस बार ढाई एकड़ जगह केवल पंडाल के लिए ले ली गयी है। इस सम्बन्ध में निकलने वाली भव्य रथ यात्रा को लेकर भी संगत में भारी उत्साह है। यह रथ यात्रा 20 अप्रैल को दरेसी मैदान से चलेगी और अपने रूट से होती हुई पीरखाना पहुँच कर विश्राम करेगी। अगले दिन अर्थात 21 अप्रैल को सुबह साढ़े दस बजे चादर की रस्म होगी।इसके बाद 11बजे झंडे की रस्म होगी और इसके तुरंत बाद दोपहर को एक बजे केक काटा जायेगा। शाम होते होते चार बजे होगी मेहँदी की रस्म और पांच बजे शुरू होगी सूफियाना शायरी की महफिल। सूफी गायन की मस्ती के ये प्याले अगले दिन 22 अप्रैल को भी छलकेंगे। मस्ती की इस महफिल में गुरदास मान के साथ ही हंसर हयात निजामी, अनीस साबरी, शकील साबरी, सरदार अली, अमित धर्मकोटी, राकेश राधे, ललित गोयल, टोनी सुल्तान और बहुत से अन्य कलाकार। सूफी एंकर हेमंत वालिया मंच संचालन करेंगे। दूरदराज से  आने वाली संगत के लिए विशेष प्रबंध किये गए हैं तांकि किसी को भी कोई असुविधा न हो।-रेक्टर कथूरिया 
पीरखाना लुधियाना में मेले की सभी तैयारियां मुक्कमल 

सोमवार, मार्च 25, 2013

और यह होगा चयन सर्प-सुंदरी का

सर्प-सुंदरी की घोषणा मई के आरम्भ में होगी
                                                          © फ़ोटो: ru.wikipedia.org 
यहाँ 60-90-60 को कोई नहीं पूछने वाला| संसार भर की फुफकारती सुंदरियों का डौल कोई नहीं देखता, उनका आकर्षण तो है उनका रंग! 39 सर्प-सुंदरियों में से चुनी जानी है विश्व महासुंदरी! और यह चयन करेंगे मास्को ज़ू के दर्शक|इस प्रतियोगिता की पूर्ववेला में मिस मेडागास्कर तो बहुत उत्तेजित नज़र आती है, जबकि मिस रूस एकदम बेफिक्र है| हो भी क्यों न? उसे दूसरों के मुकाबले में यह प्लस प्वाइंट मिला हुआ है कि उसका रंग काला है – और इस वर्ष का प्रतीक भी काला सर्प ही है| शायद इसकी बदौलत वह जीत भी जाए| प्रसंगतः, बारह साल पहले जब सफ़ेद सांप का साल चल रहा था तो श्वेत सर्प-सुंदरी ही जीती थी|

मास्को के चिड़ियाघर में ऐसे भी सांप हैं जिन्हें इस प्रतियोगिता से कुछ लेना-देना नहीं है| इनमें एक है बिलकुल अद्वितीय कैलीफोर्नियाई सांप, जिसके दो सिर हैं| यह दूसरा सिर जेनेटिक म्यूटेशन का परिणाम है| पता नहीं, सांप है या ड्रैगन! वास्तव में ये दो स्यामी जुडवां सांप हैं| इनके न केवल दो सिर हैं, बल्कि दो मस्तिष्क, दो भोजन-नलियां हैं परंतु हृदय एक है और पूंछ भी एक| ऐसे सांप का जन्म एक अनहोनी घटना है और प्राकृतिक पर्यावरण में तो उसका ज़िंदा बच पाना प्रायः असंभव है| खतरा होने पर दोनों सिर अलग-अलग दिशाओं में बढ़ने की कोशिश कर सकते हैं| भोजन के समय एक सिर दूसरे से भोजन छीनने की कोशिश कर सकता है, दूसरे को काट सकता है, यहां तक कि मार भी सकता है| बिलकुल ड्रैगन की डरावनी कहानी के जैसे| यहां चिडियाघर में दो सिरों वाला सांप चैन से जी रहा है: यहां लोगों से भी इसकी रक्षा की जाती है और इस बात का भी ख्याल रखा जाता है कि दोनों सिरों के बीच कोई “झड़प” न हो| हां, सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग नहीं ले सकता| वैसे उसे इसकी क्या चिंता है – उसके पिंजड़े के आगे सदा भीड़ जमा रहती है|

हां तो यह सौंदर्य-प्रतियोगिता किसलिए करवाई जा रही है? इसका असली उद्देश्य तो है लोगों के बीच सांपों के बारे में जो गलत धारणाएं हैं उन्हें दूर करना| यहां सांपों के बारे में बहुत सी नई और रोचक जानकारी पाई जा सकेगी| उदाहरण के लिए यह कि सांपों में से 75% ज़हरीले नहीं होते, उनसे लोगों को कोई खतरा नहीं है| क्या आप जानते हैं कि सांप जो बार-बार हवा में अपनी जीभ लहलहाता है, वह इसलिए नहीं कि वह किसी को काटना चाहता है| वह तो इस तरह यह जानकारी पाता है कि उसके इर्द-गिर्द क्या हो रहा है|

सर्प-सुंदरी की घोषणा मई के आरम्भ में होगी| हां अभी यह फैसला करना भी बाकी है कि विजेता को क्या पुरस्कार मिलेगा? या तो उसे उसका पसंदीदा भोज – मूषक दिया जाए या फिर कोई “बौद्धिक” उपहार| आखिर सर्पों की गिनती बुद्धिमान जीवों में होती है| बहुत मुमकिन है कि अपना मनपसंद भोज पाकर सर्प-सुंदरी संसार के दूसरे चिड़िया घरों की यात्रा पर निकल पड़े|


चयन सर्प-सुंदरी का

शनिवार, मार्च 09, 2013

साहिर आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं


08-मार्च-2013 16:14 IST
राष्‍ट्रपति ने जारी किया साहिर लुधियानवी पर स्‍मृति डाक टिकट
भारत के राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज राष्‍ट्रपति भवन में स्‍वर्गीय साहिर लुधियानवी की जयंती (8 मार्च, 2013) पर स्‍मृति डाक टिकट जारी किया। 
इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि स्‍वर्गीय साहिर लुधियानवी मुख्‍य रूप से एक ऐसे शायर के रूप में प्रसिद्ध थे जो आम आदमी की रोज़मर्रा जीवन से जुड़ी परेशानियों और उनके सब्र के इम्तिहान के बारे में लिखते थे। प्रेम और सुंदरता पर अपनी रचनाओं के कारण उन्‍होंने युवाओं के बीच भी अपनी पहचान बनाई। उन्‍होंने समकालीन दौर के मूल्‍यों और सामाजिक चिंताओं को बेहद संवेदशीलता के साथ लिखा था। राष्‍ट्रपति ने कहा कि उर्दू शायरी को फिल्‍मों में इस्‍तेमाल करना साहिर लुधियानवी के महानतम योगदान में से एक है। उन्‍होंने फिल्‍म लेखक संघ के ज़रिए गीतकारों की पहचान के लिए भी लड़ाई लड़ी। श्री मुखर्जी ने कहा कि उनके निधन के 33 साल बाद उनकी जयंती पर स्‍मृति डाक टिकट जारी किया जाना इस बात का सबूत है कि अपनी शायरी और अपने गीतों के जरिए वे आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। 

इस अवसर पर केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल तथा केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री मनीष तिवारी भी उपस्थित थे। (PIB)

वि.कासोटिया/प्रियंका/संजना-1165

साहिर के शहर से........ .....ساحر کے شہر سے  ·

गुरुवार, फ़रवरी 28, 2013

आम बजट: ग्रामीण विकास

28-फरवरी-2013 13:49 IST
ग्रामीण विकास की मुख्‍य योजनाओं के बजटीय आवंटन में 46 प्रतिशत की बढ़ोतरी 
वित्‍त मंत्री पी. चिदबंरम ने आज संसद में वर्ष 2013-14 का आम बजट पेश करते हुए बताया कि अनेक महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम लागू करने वाले ग्रामीण विकास मंत्रालय के बजटीय आवंटन में भारी बढ़ोतरी की गई है। अपने बजट भाषण में वित्‍त मंत्री ने यह घोषणा की कि मंत्रालय को 2013-14 में 80,194 करोड़ रुपये दिये जाएंगे जबकि 2012-13 में 55 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे। इस प्रकार आवंटन में 46 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ‘मनरेगा’ को 33 हजार करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को 21,700 करोड़ रुपये तथा इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) को 15,184 करोड़ रुपये प्रदान किये जाएंगे। 

वित्‍त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के उद्देश्‍य अनेक राज्‍यों में व्‍यापक रूप से पूरे कर लिए गये हैं और ये राज्‍य इस बारे में और कार्य करने के इच्‍छुक हैं, इसलिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-2 शुरू करने और नये कार्यक्रम को धन का एक हिस्‍सा आवंटित करने का प्रस्‍ताव है। इससे आंध्र प्रदेश, हरियाण, कर्नाटक, महाराष्‍ट्र, पंजाब और राजस्‍थान जैसे राज्‍यों को फायदा होगा।

इसी प्रकार पेय जल और स्‍वच्‍छता मंत्रालय को चालू वर्ष के दौरान 15,260 करोड़ रुपये दिये जाएंगे जबकि संशोधित अनुमान 13 हजार करोड़ रुपये का था। उन्‍होंने जल शुद्ध करने के सयंत्रों की स्‍थापन करने के‍लिए 1400 करोड़ रुपये उपलब्‍ध कराने का भी प्रस्‍ताव किया है क्योंकि देश में अभी भी 2000 आर्सिनिक और 12 हजार फ्लोराइड से प्रभावित ग्रामीण बस्तियां मौजूद हैं। (PIB)
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मीणा/राजगोपाल/प्रदीप/सुधीर/संजीव/इन्‍द्रपाल/बिष्‍ट/शदीद/सुनील/शौकत/मनोज-

मंगलवार, फ़रवरी 26, 2013

रेल बजट पर बधाई

26-फरवरी-2013 17:58 IST
प्रधानमंत्री ने की रेल मंत्री पवन कुमार बंसल की सराहना 
रेल बजट पर अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रेल मंत्री श्री पवन कुमार बंसल की सराहना की है और कहा है कि श्री बंसल ने अपने रेल बजट में यात्रियों के लिए सेवाओं में वृद्धि करने और उनमें सुधार करने की महत्वपूर्ण मांगों को पूरा किया है और इसके साथ-साथ अपने विभाग के खर्च पर भी नियंत्रण किया है। यह एक सुधारवादी और प्रगति उन्मुखी बजट है, जो रेलवे की वित्तीय स्थिति की यथार्थवादी तस्वीर प्रस्तुत करता है। रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विस्तार के मार्ग को प्रशस्त करने के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवीन तरीके अपनाने के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। (PIB)
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मीणा/राजगोपाल/संजना-719

रेल बजट पर और विस्तृत खबरें देखें रेल स्क्रीन पर बीएस यहाँ क्लिक करके 


रविवार, फ़रवरी 24, 2013

चीन में रूमानी और रंगीन रोशनियों का महोत्सव

24.02.2013, 12:33
बुरी आत्मायों को डराने के लिए चलाये गए पटाखे
                                                          फोटो: EPA
आज चीनी लोग रोशनियों का महोत्सव मना रहे हैं। इस महोत्सव के साथ ही चंद्र कैलेंडर के अनुसार दो सप्ताह के दौरान मनाए जाते नववर्ष के जश्नों की समाप्ती हो जाती है। बीजिंग में आज सुबह से ही पटाखों का आवाज़ सुनाई दे रही है। इस प्रकार लोग बुरी आत्माओं को डराकर दूर भगाने की कोशिश कर रहे हैं। आज के दिन लोग खूब सैर करते हैं, ढोल की लय पर बांसों पर नाच करते हैं और रंग-बिरंगा पहनावा पहनकर परेड और नृत्य करते हैं। महोत्सव का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा चीनी मंदिरों, सड़कों और पार्कों पर धुंधलका में जल रही बत्तियां होती हैं जो बहुत ही रूमानी और सुंदर दिखाई देती हैं।

शनिवार, फ़रवरी 23, 2013

पाकिस्तान को 'खरीदने' की कोशिश कर रहा चीन

चीन उसे मुहैया कराएगा 136 अरब रुपए का कर्ज 
                                                                                            Photo: EPA
पाकिस्तान को 'खरीदने' की कोशिश कर रहा चीन--इस शीर्षक से एक खबर दी है रेडियो रूस ने। जानीमानी अख़बार भास्कर की  वैब साईट के हवाले से यह खबर देते हुए रेडियो रूस ने बताया है कि चीन अपना प्रभुत्व बढ़ाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहता। यह खबर आज दोपहर को दी गई।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक चीन पाकिस्‍तान को परमाणु संयंत्र के निर्माण के लिए चीन उसे 136 अरब रुपए का कर्ज मुहैया कराएगा। ये संयंत्र 340 मेगावाट क्षमता के हैं।
पंजाब प्रांत के चश्मा में निर्माण किए जाने वाले दोनों संयंत्रों के निर्माण में कुल 190 अरब रुपए का खर्च आएगा। ये संयंत्र 2016 से काम करने लगेंगे।

पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन ने चश्मा के सी3 और सी4 प्लांट के लिए 34.6 अरब रुपए दिए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान सरकार ने अब तक इस प्रोजेक्ट के लिए 62.4 अरब रुपए खर्च किए हैं।

पाकिस्तानी सरकार को उम्मीद है कि 2013 जून तक इस प्रोजेक्ट का आधा काम पूरा हो जाएगा। चश्मा प्रोजेक्ट में तीन संयंत्र पहले ही काम कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार की योजना है कि वह 2030 तक 8,800 मेगावाट परमाणु बिजली का उत्पादन करेगी।

भारत में लगातार अशांति फैलाने में लगे पाकिस्‍तान (पढें, सईद की अगुवाई में बनी थी हैदराबाद धमाके की साजिश) में चीन अपना प्रभुत्‍व बढ़ाने में कोई कसर बाकी नहीं रखना चाहता है। हाल ही में चीन की एक कंपनी ने पाकिस्‍तानी बंदरगाह पर नियंत्रण हासिल करने में भी कामयाबी हासिल की है।

यह जानकारी दैनिक भास्कर के वेब साइट पर प्रकाशित की गई।

भारतीय चुनाव आयोग में प्रशि‍क्षण

22-फरवरी-2013 19:17 IST
अफगानि‍स्‍तान के चुनाव अधि‍कारि‍यों का 
अफगानि‍स्‍तान के चुनाव अधि‍कारि‍यों के एक बैंच ने भारत के अंतर्राष्‍ट्रीय लोकतंत्र एवं चुनाव प्रबंधन संस्‍थान में प्रशि‍क्षण प्राप्‍त कि‍या है। यह संस्‍थान भारतीय चुनाव आयोग का एक प्रशि‍क्षण और संसाधन केंद्र है। ‘चुनाव प्रबंधन के लि‍ए क्षमता वि‍कास’ नामक दो सप्ताह के इस वि‍शेष पाठ्यक्रम को अफगानि‍स्‍तान के स्‍वतंत्र चुनाव आयोग के वरि‍ष्‍ठ अधि‍कारि‍यों के लि‍ए तैयार कि‍या गया है। इसका आयोजन भारत के वि‍देश मंत्रालय के सहयोग से कि‍या गया है। दक्षि‍ण एशि‍याई क्षेत्र में अपने अनुभव, दक्षता और वि‍शेषज्ञता की भागीदारी के लि‍ए भारतीय चुनाव आयोग की यह नवीनतम पहल है। 

प्रशि‍क्षण कार्यक्रम के प्रथम दि‍वस पर शि‍ष्‍टमंडल को संबोधि‍त करते हुए भारत के मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त श्री वी.एस. संपत ने अफगान अधि‍कारि‍यों को बताया कि‍ चुनाव आयोग उन्‍हें मुख्‍य प्रशि‍क्षक के रूप में मानता है जो अगले साल अपने देश में होने वाले चुनावों में अन्‍य प्रशि‍क्षको को प्रशि‍क्षण प्रदान करेंगे। इस प्राठ्यक्रम में अफगानि‍स्‍तान के 17 प्रति‍भागी भाग ले रहे हैं। (PIB)

वि‍.कासोटि‍या/इंद्रपाल/सुजीत – 700

चंद्रगिरि : भूरे सोने की पहाड़ियां

21-फरवरी-2013 19:32 IST
वाणिज्य फीचर                                                     अमित गुइन*
विश्व के कॉफी पारखियों को दिसंबर 2007  में केंद्रीय कॉफी अनुसंधान संस्थान (सीसीआरआई) ने नए किस्म की कॉफी के पौधे चंद्रगिरि के बीज से परिचित कराया था। तभी से 'भूरे सोने' की खुशबू और रंग ने विश्व के विभिन्न भागों के कॉफी प्रेमियों को अपने से बांध लिया  है। चंद्रगिरि  पौध जब भारत के कॉफी बागानों में व्यावसायिक उत्पादन के लिए इस्तेमाल किया गया तो उनका अच्छा परिणाम निकला और इसके बीज की भारी मांग होने लगी।
    इसके बारे में प्रचलित लोक कथा कुछ इस प्रकार है कि लगभग चार सौ साल पहले एक युवा फकीर बाबा बुदान मक्का की यात्रा पर निकले। यात्रा से थक कर चूर होने के बाद वे सड़क के किनारे एक दुकान पर नाश्ते के लिए रूके। वहां उन्हें काले रंग का मीठा तरल पदार्थ एक छोटे कप में दिया गया। उसे पीते ही युवा फकीर में गजब की ताजगी आ गयी। उन्होंने उसे अपने देश ले जाने का निश्चय कर लिया। लेकिन उन्हें जानकारी मिली कि अरब के लोग अपने रहस्यों की कड़ाई से रक्षा करते हैं और स्थानीय कानून उसे अपने साथ ले जाने की अनुमति नहीं देंगे। बाबा ने अरब के कॉफी के पौधे के सात बीज अपने कमर में अपने चोले के नीचे छिपा लिए। स्वदेश लौटने पर बाबा बुदान ने कर्नाटक की चंद्रगिरि  पहाड़ियों में बीज को बोया। आज वे सात बीज विभिन्न किस्मों में बदल गए हैं और एक देश में विश्व की तरह-तरह की कॉफी पैदा होने लगी है।
    चंद्रगिरि की झाड़ियां छोटी किंतु कॉफी की अन्य किस्मों कावेरी और सान रेमन की तुलना में घनी होती हैं। इसके पत्ते बड़े, मोटे और गहरे हरे रंग के होते हैं। कॉफी की यह किस्म अन्य किस्मों के मुकाबले लंबे और मोटे बीज पैदा करती है।
    कॉफी उत्पादकों से इस किस्म के पैदाबार के बारे में बहुत उत्साहजनक जानकारी मिली है। इसकी अनुवांशिकी एकरूपता और शुरूआती पैदावार भी अच्छी होती है। इसके अलावा अधिकतर उत्पादक चंद्रगिरि  को अपने खेतों में खाली समय की भरपाई के लिए इस्तेमाल करते हैं।
    यह भी देखा गया है कि अगर खेती के उचित तरीके अपनाए जाएं तो कावेरी  एचडीटी और चंद्रगिरि  जैसी विभिन्न घनी झाड़ियों से उपज में कोई विशेष अंतर नहीं पड़ता। चंद्रगिरि  की फलियां अच्छे किस्म की होती हैं और औसतन 70  प्रतिशत फलियां 'ए' स्तर की होती हैं, इनमें से 25-30 प्रतिशत एए स्तर की होती हैं। अन्य किस्मों की तुलना में 'ए' स्तर की फलियां 60-65 प्रतिशत होती हैं  जिनमें से 15-20 प्रतिशत एए स्तर की होती हैं।
अनुसंधानकर्ताओं को यह भी पता चला है कि चंद्रगिरि  में बीमारी अन्य किस्मों के मुकाबले बहुत देर से लगती है। इसके अलावा बीमारी की गंभीरता बहुत कम (5  प्रतिशत से भी कम) होती है। लेकिन कॉफी के पौधे के तनों में छिद्र करने वालो सफेद कीटों के मामले में चंद्रगिरि  भी अन्य किस्मों की तरह ही है। भारत और दक्षिण एशिया में ये कॉफी के सबसे खतरनाक कीट होते हैं। लेकिन उत्पादन की आदर्श परिस्थितियों यथा समुद्र से 1000 मीटर की ऊंचाई वाले खेतों में कीट लगने की घटनाएं कम होती है। ऐसा इसलिए होता है कि झाड़ियां बहुत घनी और डालियां चारों ओर फैली होती हैं, जिससे सफेद कीट मुख्य तने पर हमला नहीं कर पाते। कीट नियंत्रण के लिए संक्रमित पौधों को नष्ट करना आवश्यक है। कीट प्रबंधन के लिए अन्य उपायों में आवश्यकतानुसार 10 प्रतिशत चूने का उपयोग, फेरोमोन जालों का इस्तेमाल और तने को लपेटने आदि का काम किया जा सकता है।
(पीआईबी फीचर)
*लेखक स्वतंत्र पत्रकार है
लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं और पसूका का इससे सहमत होना आवश्यक नहीं।
वी.कासोटिया/राजेन्द्र/चित्रदेव-45
पूरी सूची-21-02-2013

शुक्रवार, फ़रवरी 22, 2013

एमआईजी फ्लैट का आवंटन

22-फरवरी-2013 12:54 IST
दिसंबर 2012 को दिल्‍ली में यौन हिंसा की पीडिता के परिवार को एमआईजी फ्लैट का आवंटन
केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 16 दिसंबर 2012 को दिल्‍ली में यौन हिंसा की पीडिता के परिवार को डीडीए के एमआईजी फ्लैट आवंटित करने की मंजूरी दी है। 

यह डीडीए फ्लैट आवंटित करने की मौजूदा नीति/दिशा निर्देश में छूट के तहत बिना बारी के आधार पर दिया जाएगा। फ्लैट की लागत दिल्‍ली सरकार द्वारा वहन की जाएगी। (PIB)

मीणा/शोभा/यशोदा - 677

गुरुवार, फ़रवरी 21, 2013

विशेष लेख........//......... *डॉ के. परमेश्‍वरन

12-फरवरी-2013 19:04 IST
एक गांव में एक किसान क्‍लब: कृषि क्षेत्र में नई पहल 
कुछ समय पहले मदुरई जिले के पश्चिमी हिस्‍से के गांव में तैनात अधिकारियों ने महिला स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र के प्रबंधन की जिम्‍मेदारी पडोस के रज्‍जुकर किसान क्‍लब को सौंपी। मदुरई जिले के मेलूर ब्‍लॉक के लक्ष्‍मीपुरम स्थित यह क्‍लब स्‍थानीय स्‍कूल के गरीब बच्‍चों को हर साल किताबें  बांट रहा है। जिले के वैगई विवासाइगलसंघम के किसान क़ृषि संबंधी कार्यक्रम राज्‍य के विभिन्‍न हिस्‍सों में चला रहे हैं।  यह सब राष्‍ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा देश के गांव में चलाए जा रहे अभियान के तहत हुआ। किसान क्‍लब की अवधारणा नाबार्ड समर्थित है और इसका नारा एक गांव में किसानों का एक क्‍लब है। इसके तहत प्रगतिशील किसान क्‍लब के झंडे तले एकत्रित होते हैं। नाबार्ड तीन वर्षों तक इन क्‍लबों को किसानी के प्रगतिशील तौर-तरीके संबंधी प्रशिक्षण और कृषि संबंधी यात्राओं के लिए राशि उपलब्‍ध कराता है।
    मदुरई जिले के विभिन्‍न गावों में अभी 170 किसान क्‍लब काम कर रहे हैं। इन क्‍लबों में सर्वाधिक सफल किसान हैं उत्‍थापनीकनूर के किसान। किसान चमेली उगाते हैं। नाबार्ड ने इस क्‍लब को इंडियन बैंक की साझेदारी में 30 क्‍लबों में शुमार किया है। एक कदम बढकर इन क्‍लबों ने एक फेडरेशन बनाया है जिसका नाम है उत्‍थापनीकनूर फलावर ग्रोअर फेडरेशन। जास्‍मीन उगाने वाले किसान चाहते हैं कि वे स्‍वयं अपना बाजार चलाएं। किसान इसके लिए जिला प्रशासन से समर्थन चाहते हैं और सिद्धांत रूप में उन्‍हें जमीन देने की मंजूरी भी दी गई है।
    नाबार्ड ने मदुरई जिले के अलंगनाल्‍लानूर के सहकारिता क्षेत्र की प्राथमिक कृषि सहयोग समितियां को इस तरह के क्‍लब बनाने की मंजूरी दी है। हाल में अलंगनाल्‍लानूर ब्‍लॉक में परीपेट्टी किसान क्‍लब और देवासेरी किसान क्‍लब के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम चलाया गया।
    नाबार्ड के एजीएम श्री शंकर नारायण की राय है कि किसान वैल्‍यू चैन की बारीकियों को पूरी तरह समझें। इससे उन्‍हें लाभ होगा और वे किसान क्‍लब को परिवर्तन एजेंट समझ लाभ की ओर बढ सकते हैं। उन्‍हें नवीनतम टेक्‍नॉलोजी के बारे में जानकारी मिल सकेगी, विशेषज्ञों की मदद ले सकेंगे और अतंत: अपने पेशे में निपुण हो जाएंगे।
    उन्‍होंने बताया कि नाबार्ड अपने किसान टेक्‍नॉलोजी ट्रांसफर फंड के जरिए किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम, डेमोप्‍लॉट का विकास और कृषि ज्ञान के लिए किसानों की यात्राओं जैसे प्रयासों का पूरा खर्च वहन करेगा। उन्‍होंने कहा कि आने वाले दिनों में आम और अमरूद के पौधे लगाने के लिए गम्‍भीर प्रयास किए जाएंगे।           नाबार्ड किसान क्‍लब के लिए हर तीन साल पर दस हजार रूपये की राशि आबंटित करता है। तीन साल बाद किसान क्‍लब से जुडे लोगों को प्रोत्‍साहित किया जाता है कि वे वैसी छोटी-छोटी बचत करें जिनसे रोजाना के खर्च पूरा हो सकें और जरूरत पडने पर एक-दूसरे को ऋण भी दे सकें।
    किसान क्‍लब कार्यक्रम के तहत किसानों को तीन सालों के लिए वार्षिक रख-रखाव ग्रांट भी मिलता है। किसान तमिलनाडु में प्रशिक्षण के लिए कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं (पुड्डुकोटई, कोयम्‍बटूर, त्रिची और कांचीपूरम किसान ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए चुने गए हैं।  किसानों को इस कार्यक्रम के तहत रायटर मार्केट लाइट लिमिटेड के जरिए स्‍थानीय भाषा में एसएमएस एलर्ट भी हा‍सिल होते हैं। जल प्रबंधन, डेयरी, ओर्गेनिक किसानी तथा सब्‍जी उगाने जैसे विषयों पर विशेषज्ञों की राय भी मिलती है।       क्‍लब की अवधारणा का लाभ उठाते हुए किसानों तथा क्‍लबों को नियमित बैठकें करनी चाहिए। प्रत्‍येक महीने बचत करनी चाहिए ताकि जरूरत पडने पर एक –दूसरे की मदद हो सके। इसके अलावा उन्‍हें ऋण अदायगी के उचित व्‍यवहारों का भी प्रचार करना चाहिए तथा अपने उत्‍पादों के मूल्‍यवर्धन पर ध्‍यान देना चाहिए ताकि वे स्‍वयं अपनी उत्‍पादक कंपनी खडी कर सकें। (PIB)


*लेखक पत्र सूचना कार्यालय मदुरई में सहायक निदेशक हैं
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वि.कासोटिया/गांधी/-निशांत 41     
पूरी सूची-12.02.2013