प्रविष्टि तिथि: 21 NOV 2022 7:13PM by PIB Delhi
जो अच्छा झूठ बोल सकता है वह अच्छा कहानीकार हो सकता है
दर्शकों में अपनी कहानी की 'भूख' उत्पन्न करने की कोशिश आपके भीतर रचनात्मकता जगाती है
गोवा: 21 नवंबर 2022: (पीआईबी//इर्दगिर्द)::
“दर्शकों में अपनी कहानी की 'भूख' उत्पन्न करने की कोशिश आपके भीतर रचनात्मकता जगाती है। मैं हमेशा अपनी कहानी और पात्रों के लिए दर्शकों के भीतर भूख उत्पन्न करने की कोशिश करता हूं और यही मुझे कुछ अनूठा और आकर्षक बनाने के लिए प्रेरित करता है।" ये विचार मास्टर कहानीकार ने व्यक्त किए। वह आज गोवा में 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के अवसर पर 'द मास्टर्स राइटिंग प्रोसेस' विषय पर एक मास्टरक्लास में फिल्म में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को संबोधित कर रहे थे।
पटकथा लेखन की अपनी शैली के बारे में बताते हुए श्री प्रसाद ने कहा कि वह हमेशा मध्यांतर के समय कहानी में मोड़ लाने के बारे में सोचते हैं और उसी के अनुसार अपनी कहानी को व्यवस्थित करते हैं। उन्होंने कहा, "आपको राई का पहाड़ बनाना होगा। आपको एक झूठ को इस तरह पेश करना होगा, कि वह सच जैसा लगे। जो व्यक्ति अच्छा झूठ बोल सकता है वह अच्छा कहानीकार हो सकता है।”
एक नवोदित कहानीकार के प्रश्न का जवाब देते हुए प्रसिद्ध कहानीकार ने कहा कि व्यक्ति को अपना दिमाग खुला रखना होगा और हर चीज को आत्मसात करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा, "आपको अपना सबसे कठोर आलोचक बनना होगा, तभी आपका सर्वश्रेष्ठ सामने आएगा और तभी आप अपने काम को असीमित ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।"
बाहुबली और आरआरआर जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के लिए लिखने के अपने अनुभव को साझा करते हुए श्री प्रसाद ने कहा, “मैं कहानियां लिखता नहीं हूं, हमारे आस-पास ही कहानियां है जिन्हें मैं खोजता हूं। सब कुछ मेरे मन में है; कहानी का प्रवाह, पात्र, ट्विस्ट ”। उन्होंने कहा कि अच्छे लेखक को निर्देशक, निर्माता, प्रमुख नायक और दर्शकों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए। (PIB)
सत्र का संचालन फिल्म समीक्षक और पत्रकार मयंक शेखर ने किया।
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