मंगलवार, सितंबर 21, 2021

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना हुई लोकप्रिय

 Saturday: 19th September 2021 at 02:50 pm

   इस योजना ने युवाओं के लिए खोले रोजगार के नए नए द्वार 

प्रतीकत्मक तस्वीर Pexels Photo By Kelly Lacy 

शिमला: 19 सितम्बर, 2021: (इर्द गिर्द ब्यूरो)::

शिक्षा, प्रशिक्षण, कौशल और रोज़गार की मज़बूत कड़ी ही ज़िंदगी को पूरी तरह से सफल और क्षमतापूर्ण बनाती है। इस बात का ध्यान रख कर बनाई गई है दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना जो सफल भी हुई है और लोकप्रिय भी हो रही है। 

प्रदेश के युवाओं को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अन्तर्गत हुनरमंद बनाने के साथ-साथ काम और रोज़गार के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। इस योजना में प्रदेश की युवाशक्ति का समुचित दोहन कर उन्हें प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है जिससे उनके कौशल का विकास होता है। 

उल्लेखनीय है कि ज़िंदगी से जुडी इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण गरीब युवाओं को कौशल प्रदान कर उन्हें न्यूनतम मजदूरी या उससे अधिक नियमित मासिक वेतन पर रोजगार प्रदान करना है। इस से युवा वर्ग को अपने पैरों पर खड़ा होने में बहुत ही सहायता मिलेगी। उनकी शक्ति में बढ़ोतरी होगी। 

आपको बता दें कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के अन्तर्गत वर्ष 2023 तक 22000 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत अभी तक 5320 युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिनमें से 3021 युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किया गया हैं। इस योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके लाभार्थी प्रदेश सहित पड़ोसी राज्यों में कार्यरत है। हाॅस्पिटैलिटी ट्रेड के अन्तर्गत कार्यरत युवाओं को भोजन के साथ छात्रावास की सुविधा प्रदान की जा रही है।

इसमें फोकस किया गया है गरीब वर्ग को। गरीब ग्रामीण युवाओं के लिए आयु सीमा 15-35 वर्ष तथा दिव्यांग, महिलाओं तथा अन्य कमजोर वर्गों के लिए आयु सीमा 45 वर्ष निर्धारित की गई है। गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार, मनरेगा के तहत वित्त वर्ष में कम से कम 15 दिन का कार्य करने वाले श्रमिक के परिवार सदस्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड धारक परिवार, अन्त्योदय अन्न योजना/बीपीएल/पीडीएस कार्ड परिवार तथा स्वयं सहायता समूह के सदस्य इस योजना के पात्र होंगे।

इस योजना के तहत 70 प्रतिशत प्रशिक्षित लाभार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों में निश्चित रोजगार का आश्वासन प्रदान किया जाता है। योजना के तहत प्रशिक्षुओं को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ निःशुल्क छात्रावास की सुविधा प्रदान की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत कोर्स की अवधि 3 से 12 महीने की होती है। योजना के लाभार्थियों को एक वर्ष का पोस्ट प्लेसमेंट प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है।

 वर्तमान में इस योजना के तहत परिधान (अपैरल), हाॅस्पिटैलिटी, ग्रीन जाॅब्स, ब्यूटिशियन, सिलाई मशीन आॅपरेटर, बेकिंग, स्टोरेज आॅपरेटर, स्पा, अनआम्र्ड सिक्योरिटी गार्ड, इलेक्ट्रीशियन डोमेस्टिक, सेल्स एसोसिएट, अकाॅउंटिंग, बैंकिंग सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव, कंप्यूटर हार्डवेयर असिस्टेंट, टेली एक्सेक्यूटिव-लाइफ साइंसेज आदि टेªड्स डीडीयू-जीकेवाई के अन्तर्गत संचालित किए जा रहे हैं।

इन ट्रेडस के अन्तर्गत युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उनके कौशल में विकास किया जाता है। वर्तमान समय में डिजिटल स्किल, सोशल मीडिया, इलैक्ट्राॅनिक, विजुअलाइजेशन, टेलिविजन और मोबाइल रिपेयर जैसे क्षेत्रों में रोजगार, स्वरोजगार और रोजगार सृजन के अपार अवसर उत्पन्न हुए हैं। इन ट्रेडस के माध्यम से अर्धकुशल युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर अग्रसर किया जाता है।

आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर कई युवाओं ने भविष्य के लिए सजाए सुनहरे सपनों को साकार किया है। जिला कांगड़ा के गांव कछियारी के अक्षय कुमार के लिए यह योजना वरदान सिद्ध हुई है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी। उनके पिता दिहाड़ीदार मजदूर है और पूरे परिवार का बोझ उन्हीं के कंधों पर था। घर में आर्थिक तंगी होने के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी लेकिन अक्षय कुमार आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन कर अपने परिवार का सहारा बनना चाहते थे। यह योजना उनके लिए आशा की किरण बनकर आई। जब उन्हें योजना के बारे में पता चला तो इसका लाभ उठाने के लिए उन्होंने बैंकिंग एण्ड अकाउंटिंग पाठ्यक्रम के अन्तर्गत प्रशिक्षण लेना शुरू किया।

इसके अतिरिक्त उन्होंने आई.टी. और स्पोकन इंग्लिश की मुफ्त कक्षाएं भी ली, जिससे उनके संचार कौशल में काफी सुधार हुआ है। योजना के अन्तर्गत उन्हें अध्ययन सामग्री के साथ-साथ यात्रा भत्ता भी मिला और प्रशिक्षण के दौरान उन्हें संबंधित क्षेत्र से काफी नई चीजें सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। वर्तमान में वह पी.डब्ल्यू.डी. गेस्ट हाउस चंडीगढ़ में बतौर सहायक लेखाकार के रूप में कार्यरत है। उन्हें 12 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। उनका कहना है कि यह योजना उनके सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध हुई है और आज वह आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ-साथ अपने परिवार का सहारा भी बन रहे हैं।

विवरण बताता है कि ऐसा ही कुछ सुखद अनुभव ज़िला शिमला की तहसील रामपुर के गांव काशापाट के कमलेश को भी हुआ, जब उन्होंने डीडीयू-जीकेवाई के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया। कृषक परिवार से संबंध रखने वाले कमलेश की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं थी। इस कारण उन्हें 12वीं के पश्चात अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। परिवार की आर्थिक सहायता करने के लिए उन्होंने शिक्षित होने के बावजूद मजदूरी करना शुरू कर दिया था, जिसमें उन्हें प्रतिमाह केवल तीन हजार रुपये मिलते थे। इतनी कम आय में उनके लिए गुजारा करना बहुत मुश्किल हो गया था, लेकिन जब उन्हें इस योजना के बारे में पता चला, तो उन्होंने हाऊसकिपिंग मैनुअल अटेंडेंट कोर्स में दाखिला लिया। तीन माह के इस कोर्स में उन्हें हाऊसकिपिंग से संबंधित सभी प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण प्राप्त होने के पश्चात वह एक निजी होटल में हाऊसकिपिंग मैनुअल अटेंडेंट के रूप में चयनित हुए। वर्तमान में उन्हें अच्छा वेतन मिल रहा है। इसके साथ उन्हें समय-समय पर इंसेंटिव भी मिल रहे हैं। उनका कहना है कि सभी बेरोजगार युवाओं को इस योजना का लाभ उठाकर आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ना चाहिए।

ऐसे में कमलेश और अक्षय कुमार जैसे कई युवा इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं कि सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है।

जारीकर्ताः निदेशालय, सूचना एवं जन सम्पर्क

हिमाचल प्रदेश, शिमला-171002

सोमवार, सितंबर 20, 2021

ओल्ड गोवा में नवीनीकृत हेलीपैड का उद्घाटन

 प्रविष्टि तिथि: 20 SEP 2021 5:17PM by PIB Delhi

उद्घाटन किया मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी और गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने 

उद्घाटन कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक और गोवा के उप मुख्यमंत्री श्री मनोहर अजगांवकर, विधायक और गोवा व भारत सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे


नई दिल्ली
: 20 सितंबर 2021: (पीआईबी//इर्द गिर्द)::

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि गोवा को न सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। केंद्रीय मंत्री ने इजरायल की सेना के साथ अपने अनुभवों का उल्लेख किया, कि कैसे अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण के बाद इजरायली सेना के जवानों ने गोवा के प्राकृतिक सौंदर्य और किफायती होने के कारण इसे अपने पसंदीदा स्थल के रूप में चुना। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पर्यटन क्षेत्र रोजगार सृजित करने वाला एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है और केन्द्र सरकार गोवा में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए हर संभव समर्थन दे रही है, जिससे ज्यादा संख्या में रोजगार सृजित किए जा सकें। केंद्रीय मंत्री ने यह पुष्टि भी की कि गोवा की आजादी के 60वें साल में, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय गोवा को पर्याप्त वित्तपोषण करेंगे और गोवा को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में शीर्ष पर्यटन स्थल बनाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का संदेश भी दिया कि केन्द्र सरकार हमेशा ही गोवा के नागरिकों के साथ है। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि 5 करोड़ रुपये के व्यय के साथ हेलीपैड का नवीनीकरण किया गया है और सरकारी व निजी क्षेत्र के लिए इसका अच्छा उपयोग किया जाएगा। इसका मुख्य जोर राज्य में पर्यटन को बढ़ाना है।

हेलीपैड को स्वदेश दर्शन कोस्टल सर्किट थीम के तहत विकसित किया गया है। स्वदेश दर्शन स्कीम थीम-बेस्ड टूरिस्ट सर्किट्स के एकीकृत विकास के लिए पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इस योजना में पर्यटन क्षेत्र को रोजगार सृजन के लिए एक प्रमुख इंजन के रूप में स्थापित करने, आर्थिक विकास के लिए मुख्य बल बनाने, पर्यटन क्षेत्र को अपनी क्षमताओं का अहसास कराने में सक्षम बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के साथ तालमेल बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसी भारत सरकार की अन्य योजनाओं के साथ सामंजस्य कायम करने की कल्पना की गई है।

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