शनिवार, सितंबर 07, 2013

कृपालु महाराज अपने बेडरूम में शिष्याओं को दान में देते हैं प्रेम ?

15 सालों तक कृपालु के आश्रम में रहीं, अब ठगा महसूस करती हैं केरेन 
Comrade Aman Mishra Dyfi ने आज बाद दोपहर करीब ढाई बजे पोस्ट की एक रचना में कृपालू महाराज को भी आड़े हाथों लिया है। समाज को खोखला कर रहे, संघर्ष की शक्ति को कुंद कर रहे और पूंजीवाद के जीवन को और लम्बा कर रहे ये डेरे-ये बाबे क्या हैं…पढ़िये कामरेड मिश्रा की इस पोस्ट में आपको उनके विचार कैसे लगे अवश्य लिखें। यदि आप उनसे सहमत न भी हुए तो भी आपके विचारों को स्थान अवश्य मिलेगा पर उनका  तर्क आधारित और उचित शब्दों में होना आवश्यक है। गाली गलौज और व्यक्तिगत रंजिश से भरी कोई बात न भेजें। यदि आपका इस मामले में कोई अनुभव रहा हो तो उसे भी भेजने में संकोच न करें। उस रचना से सबंधित तस्वीर भी अवश्य भेजने का प्रयास करें।  हम आपके विचार आपके नाम से प्रकाशित करेंगे। अगर किसी को अपना नाम ज़ाहिर करने में संकोच हो तो स्पष्ट लिखें आपका नाम ज़ाहिर नहीं किया जायेगा। --रेक्टर कथूरिया 
   उनके पूर्व गुरु की बेडरूम गतिविधियों की तीखी आलोचना होती है। केरेन के मुताबिक, 
'चूंकि उन्हें भक्त कृष्ण का अवतार मानते हैं, इसलिए उनका सेक्शुअल टच ईश्वरीय प्रेम का उपहार या प्रेमदान मान लिया जाता है

भारत में ऐसे कई संत हैं, जिन पर धर्म के खिलाफ जाकर आचरण करने का आरोप लग चुका है। खुद को कृष्ण और चैतन्य प्रभु का अवतार और जगतगुरु बताने वाले विवादास्पद आध्यात्मिक गुरु कृपालु महाराज ऐसे ही आरोपों से घिरे 'संत' हैं। उनके दामन पर महिलाओं से अभद्रता के आरोपों के दाग हैं। कृपालु महाराज की एक शिष्या केरेने जॉनसन ने 'सेक्स, लाइज एंड टू हिंदू गुरुज: हाउ आई वॉज कॉन्ड बाई अ डैंजरस कल्ट' नाम की किताब में कृपालु महाराज के आश्रमों में चल रही गतिविधियों और खुद कृपालु महाराज के चरित्र को लेकर कई संगीन आरोप लगाए हैं।15 सालों तक कृपालु के आश्रम में रहीं, अब ठगा महसूस करती हैं केरेन 
कृपालु महाराज की पूर्व अमेरिकी शिष्या केरेन जॉनसन का कहना है कि उनका अपने पूर्व गुरु के यहां 15 सालों का तजुर्बा बहुत ही खराब रहा। अपने बारे में केरेन बताती हैं, 'मैं जगदगुरु कृपालु परिषद (जेकेपी) संप्रदाय की सदस्य थी। मैं अमेरिका के ऑस्टिन शहर में जेकेपी आश्रम में 15 सालों तक रही। पहले इस आश्रम को बरसाना धाम कहा जाता था। जब मुझे लगा कि मैं एक खतरनाक संप्रदाय का हिस्सा हूं तो मुझे लगा कि इसकी पोल खोलना जरूरी है। मैं शुरुआत में आध्यात्मिकता की तलाश कर रही मासूम युवती थी। लेकिन अब मैं इंसाफ चाहती हूं। मैं उन लड़कियों और बच्चों के लिए लड़ना चाहती हूं जो इन गुरुओं का शिकार बनीं।' कृपालु महाराज की पूर्व अमेरिकन शिष्या केरेन जॉनसन का कहना है कि उनके पूर्व गुरु की बेडरूम गतिविधियों की तीखी आलोचना होती है। केरेन के मुताबिक, 'चूंकि उन्हें भक्त कृष्ण का अवतार मानते हैं, इसलिए उनका सेक्शुअल टच ईश्वरीय प्रेम का उपहार या प्रेमदान मान लिया जाता है। कृपालु महाराज कई महिलाओं को आपत्तिजनक तरीके से छूते हैं। वे महिलाओं को चरण-सेवा के लिए भी आमंत्रित करते हैं। चरण-सेवा के तहत कृपालु महाराज की मालिश की जाती है और इसमें सेक्शुअल टच भी शामिल होता है।'

मदरसे आतंक की फेक्ट्री और अपने आश्रम संस्कृति के जनक?

रविवार, सितंबर 01, 2013

'अहिंसा संदेशवाहक' शुरू

31-अगस्त-2013 17:59 IST
शुभारंभ किया यूपीए अध्‍यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने
इस अवसर पर श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' से महिला सशक्तिकरण
यूपीए अध्‍यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने आज यहां महिला और बाल विकास मंत्रालय के 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने समारोह की अध्‍यक्षता की। पंचायती राज और जनजातीय मामले मंत्री श्री वी. किशोर चंद्र देव और संसद सदस्‍य श्री जे. पी. अग्रवाल भी मौजूद थे। समारोह में दिल्‍ली एनसीआर से करीब 30 हजार बालिकाओं ने हिस्‍सा लिया, जिन्‍हें राजीव गांधी किशोरी अधिकारिता कार्यक्रम या सबला से लाभ प्राप्‍त हुआ है।
इस अवसर पर श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' सीधे रुप से महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के साथ जुड़ा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि ये 'अहिंसा संदेशवाहक' महिलाओं के कानूनी अधिकारों और उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के बारे में जागरूकता और ज्ञान का प्रचार करेंगे। श्रीमती गांधी ने कहा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उन्‍हें गरिमा प्रदान करने के लिए लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें किशोर बालकों को भी शामिल किया गया है। उन्‍होंने कहा कि सबसे पहले आंगनवाडि़यों ने कुछ महिलाओं को 'अहिंसा संदेशवाहक' का प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्रीमती गांधी ने कहा कि पंचायती राज संस्‍थानों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से लाखों महिलाओं को अपनी बात कहने का हक मिला है। 
श्रीमती गांधी ने यह भी कहा कि सिर्फ नीतियां घोषित करने और कानून लागू करने से महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं हो पाएगा। उन्‍होंने इसके लिए कानून और नीतियों को निचले स्‍तर पर कारगर ढंग से लागू करने की आवश्‍यकता पर बल दिया। 

महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्‍णा तीरथ ने कहा कि महिलाएं समाज के विकास में तभी योगदान कर सकती हैं जब उन्‍हें मानसिक, सामाजिक, शैक्षिक और वित्‍तीय दृष्टि से अधिकारिता प्रदान की जाए। उन्‍होंने बताया कि 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम की परिकल्‍पना 2009 में की गयी थी। उन्‍होंने बताया कि आज सबला के अंतर्गत एक करोड़ लड़कियों को 'अहिंसा संदेशवाहक' का कार्य संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्‍होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्‍य उद्देश्‍य महिलाओं और बच्‍चों के खिलाफ होने वाली हिंसा पर काबू पाना है। कार्यक्रम में किशोर और किशोरियों दोनों को ही शामिल किया गया है। 

इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्रालय की सचिव सुश्री नीता चौधरी और अन्‍य वरि‍ष्ठ अधिकारी भी उपस्‍थित थे। (PIB)
वि. कासोटिया/देवे

 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ