31-अगस्त-2013 17:59 IST
शुभारंभ किया यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने
इस अवसर पर श्रीमती कृष्णा तीरथ ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' से महिला सशक्तिकरण
यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने आज यहां महिला और बाल विकास मंत्रालय के 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने समारोह की अध्यक्षता की। पंचायती राज और जनजातीय मामले मंत्री श्री वी. किशोर चंद्र देव और संसद सदस्य श्री जे. पी. अग्रवाल भी मौजूद थे। समारोह में दिल्ली एनसीआर से करीब 30 हजार बालिकाओं ने हिस्सा लिया, जिन्हें राजीव गांधी किशोरी अधिकारिता कार्यक्रम या सबला से लाभ प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' सीधे रुप से महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि ये 'अहिंसा संदेशवाहक' महिलाओं के कानूनी अधिकारों और उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के बारे में जागरूकता और ज्ञान का प्रचार करेंगे। श्रीमती गांधी ने कहा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें गरिमा प्रदान करने के लिए लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें किशोर बालकों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आंगनवाडि़यों ने कुछ महिलाओं को 'अहिंसा संदेशवाहक' का प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्रीमती गांधी ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से लाखों महिलाओं को अपनी बात कहने का हक मिला है।
श्रीमती गांधी ने यह भी कहा कि सिर्फ नीतियां घोषित करने और कानून लागू करने से महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं हो पाएगा। उन्होंने इसके लिए कानून और नीतियों को निचले स्तर पर कारगर ढंग से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने कहा कि महिलाएं समाज के विकास में तभी योगदान कर सकती हैं जब उन्हें मानसिक, सामाजिक, शैक्षिक और वित्तीय दृष्टि से अधिकारिता प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम की परिकल्पना 2009 में की गयी थी। उन्होंने बताया कि आज सबला के अंतर्गत एक करोड़ लड़कियों को 'अहिंसा संदेशवाहक' का कार्य संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा पर काबू पाना है। कार्यक्रम में किशोर और किशोरियों दोनों को ही शामिल किया गया है।
इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्रालय की सचिव सुश्री नीता चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। (PIB)
वि. कासोटिया/देवे
'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ
शुभारंभ किया यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने
इस अवसर पर श्रीमती कृष्णा तीरथ ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' से महिला सशक्तिकरण
यूपीए अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने आज यहां महिला और बाल विकास मंत्रालय के 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने समारोह की अध्यक्षता की। पंचायती राज और जनजातीय मामले मंत्री श्री वी. किशोर चंद्र देव और संसद सदस्य श्री जे. पी. अग्रवाल भी मौजूद थे। समारोह में दिल्ली एनसीआर से करीब 30 हजार बालिकाओं ने हिस्सा लिया, जिन्हें राजीव गांधी किशोरी अधिकारिता कार्यक्रम या सबला से लाभ प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा कि 'अहिंसा संदेशवाहक' सीधे रुप से महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के साथ जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि ये 'अहिंसा संदेशवाहक' महिलाओं के कानूनी अधिकारों और उनके आर्थिक एवं सामाजिक विकास के बारे में जागरूकता और ज्ञान का प्रचार करेंगे। श्रीमती गांधी ने कहा कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें गरिमा प्रदान करने के लिए लोगों की मानसिकता में परिवर्तन लाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की विशेषता यह है कि इसमें किशोर बालकों को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आंगनवाडि़यों ने कुछ महिलाओं को 'अहिंसा संदेशवाहक' का प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्रीमती गांधी ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से लाखों महिलाओं को अपनी बात कहने का हक मिला है।
श्रीमती गांधी ने यह भी कहा कि सिर्फ नीतियां घोषित करने और कानून लागू करने से महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं हो पाएगा। उन्होंने इसके लिए कानून और नीतियों को निचले स्तर पर कारगर ढंग से लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती कृष्णा तीरथ ने कहा कि महिलाएं समाज के विकास में तभी योगदान कर सकती हैं जब उन्हें मानसिक, सामाजिक, शैक्षिक और वित्तीय दृष्टि से अधिकारिता प्रदान की जाए। उन्होंने बताया कि 'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम की परिकल्पना 2009 में की गयी थी। उन्होंने बताया कि आज सबला के अंतर्गत एक करोड़ लड़कियों को 'अहिंसा संदेशवाहक' का कार्य संभालने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा पर काबू पाना है। कार्यक्रम में किशोर और किशोरियों दोनों को ही शामिल किया गया है।
इस अवसर पर महिला और बाल विकास मंत्रालय की सचिव सुश्री नीता चौधरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। (PIB)
वि. कासोटिया/देवे
'अहिंसा संदेशवाहक' कार्यक्रम का शुभारंभ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें