गुरुवार, दिसंबर 19, 2019

ग्रामीण क्षेत्रों का विकास मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक

19 DEC 2019 6:05 PM by PIB Delhi 
 कहा ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर ने 
ग्रामीण विकास मंत्रालय का राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार समारोह 2019 आयोजित
नई दिल्ली: 19 दिसंबर 2019: (पीआईबी//इर्द गिर्द ब्यूरो)::
भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने का बड़ा सपना गांवो के विकास के बगैर संभव नहीं है। ग्रामीण विकास ,कृषि और किसान कल्‍याण तथा पंचायती राज मंत्री श्री नरेन्‍द्र सिंह तोमर  ने मंत्रालय के राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गांवों का विकास मोदी सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। ग्रामीण और शहरी विकास के बीच के अतंर को पाटने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि गांवों को आत्‍मनिर्भर बनाने के साथ ही कृषि को आर्थिक रूप से ज्‍यादा मुनाफे वाला बनाना जरूरी है।श

श्री तोमर ने इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्रालय के महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी  योजना, प्रधानमंत्री  आवास योजना-ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, दीनदयाल अंत्‍योदय योजना, दीनदयाल उपाध्‍याय ग्रामीण कौशल योजना, श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी  रूअरबन मिशन और सभी एसआईआरडीस का परिचालन करने वाले प्रशिक्षण विभाग में के 266 लोगों को उनकी उत्‍कृष्‍ट सेवाओं के लिए पुरस्‍कार प्रदान किए।  

ये पुरस्‍कार विभिन्‍न श्रेणियों में बेहतरीन प्रदर्शन्‍ करने वाले राज्‍यों, जिलों,ब्‍लॉकों, ग्राम पंचायतों और कर्मचारियों को प्रदान किये गए।

ग्रामीण विकास राज्‍य मंत्री साध्‍वी निरंजन ज्‍योति ने पुरस्‍कार पाने वालों को बधाई दी और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कमजोर वर्गों को ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से चलाए जाने वाले विभिन्‍न कार्यक्रमों का काफी लाभ मिला है, उन्‍हें रहने के लिए पक्‍के पकान, पास के बाजारों तक पहुंचने के लिए हर मौसम में इस्‍तेमाल की जा सकने वाली सड़कें और रोजगार के अवसर मिले हैं। वृद्धों, विधवाओं और निशक्‍तजनों को पेंशन की सुविधा तथा कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण की सुविधा भी मिली है।   


शनिवार, अगस्त 31, 2019

यह मौत सच का ईनाम होती है---मंजुल भारद्वाज

Saturday: 31st September 2019:7:56 PM: FB Messenger
सच बोलिए! -*मंजुल भारद्वाज
सच के बदले मिलती है मौत यह मौत सच का ईनाम होती है आदि से आज तक इतिहास में दर्ज़ है सच बोलने वाला चाहे सुकरात हो मंसूर हो या गांधी सत्ता के अंधियारे में सच बोलना जुर्म है जिसकी सजा मौत है सत्ता हमेशा सच से कांपती है सच से मनुष्यता की जीत होती है तानाशाहों की हार
सच का साथी है विवेक इसलिए सच बोलिए मनुष्यता के लिए मानवता के लिए
सच ही प्राण है
आज के अंहकार और अंधकार से आपको सिर्फ़ सच बचा सकता है इसलिए सच बोलिए!
मंजुल भारद्धाज मुख्यता एक रंग चिंतक हैं। सामजिक सरोकारों पर उनके नाटक नयी चेतना जगाते ही रहते हैं- कभी देश के एक कोने में तो कभी किसी दुसरे कोने में। इसके साथ ही उनकी कविता भी अक्सर जन मंच की तरह कहीं न कहीं, कभी भी बुलंद आवाज़ लगा देती है। जागते रहो---संघर्ष नहीं छोड़ना। यूं लगता है उनकी कविता और नुक्क्ड़ नाटक एक ही कला के दो रूप हैं। आपको यह बात कहाँ तक सही लगी अवश्य बताना। उनकी मुख्य कर्मभूमि मुम्बई है लेकिन सारा जहाँ हमारा की भावना भी है। -रेक्टर कथूरिया

मंगलवार, अगस्त 27, 2019

श्री अमित खरे ने किया 7वें सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का उद्घाटन*

 प्रविष्टि तिथि: 27 AUG 2019 5:14PM by PIB Delhi
प्रत्येक आकांक्षी जिले में एक सामुदायिक रेडियो की स्थापना सरकार की प्राथमिकता:श्री अमित खरे
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने आज नई दिल्ली स्थित डॉ. बी.आर. अंबेदकर भवन में आयोजित 7वें सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर देश में कार्यरत सभी सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधि तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री अमित खरे ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर आधारित एक पोस्टर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
उद्घाटन अवसर पर श्री खरे ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के उत्साह की प्रशंसा की और कहा कि वे देश में सामुदायिक रेडियो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने सामुदायिक रेडियो के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आपदाओ के वक्त सूचनाओं को तेजी से पहुंचाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि इन स्टेशनों में कार्यरत व्यक्तियों के मेहनत से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव दिखाई पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो के लिये स्थानीय भाषा में सामग्री की आवश्यकता होती है। सामुदायिक रेडियो स्थानीय स्तर पर इन सूचनाओं का प्रसार करने के लिये हब की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक जिले में एक सामुदायिक रेडियो केन्द्र होना चाहिये और प्रत्येक आकांक्षी जिले में सामुदायिक रेडियो की स्थापना को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से आग्रह किया कि उन्हें सामुदायिक रेडियो अपनाने के संदर्भ में ब्रांड एम्बेसेडर की भूमिका निभानी चाहिए।
सम्मेलन की थीम के बारे में श्री खरे ने कहा कि सामुदायिक रेडियो की सामग्री और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के बीच परस्पर संबंध बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सामुदायिक रेडियो प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि उन्हें सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचानी चाहिए। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें स्थानीय स्तर पर शिक्षकों और खिलाड़ियों जैसे आदर्श व्यक्तियों का चयन करना चाहिए। इससे लोगों तक संदेश पहुंचाने की प्रक्रिया प्रभावी सिद्ध होगी।
इस अवसर पर श्री अमित खरे ने एक लघु फिल्म को लांच किया, जो सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से दिखाती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अवर सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि सामुदायिक रेडियो स्थानीय लोगों को अवसर प्रदान करने का एक प्लेटफार्म है और यह सामुदायों के सशक्तीकरण के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एसडीजी की थीम है-‘किसी को पीछे नहीं छोड़ना है’। व्यक्ति को समुदाय के साथ जोड़ने से तथा समुदाय को राष्ट्र के साथ जोड़ने के साथ सामुदायिक रेडियो मजबूत बनेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री टी. सी. ए. कल्याणी ने देश के सभी भागों से आये सामुदायिक रेडियो प्रतिनिधियों को एक मिनी भारत की संज्ञा देते हुए कहा कि क्षमता निर्माण के जरिये सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की निरंतरता को बनाये रखा जा सकता है।
द एसडीजी जर्नी–लीविंग नो वन बिहाइंड पर आधारित दीक्षांत सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार श्री राकेश रंजन ने की, जबकि सामुदायिक रेडियो : मुद्दे, विचार और अनुभव की अध्यक्षता पत्र सूचना कार्यालय की पूर्व महानिदेशक सुश्री एस्थर कार ने की। इस सत्र में सोशल मीडिया के जरिये सामग्री प्रबंधन, अनुसंधान, प्रोडक्शन, प्रसारण और सामग्री के प्रसार जैसे विषयों पर चर्चा की गई। आकांक्षी जिलों, आपदा संभावित क्षेत्रों, एलडब्ल्यूई क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक रेडियो स्टेशनों ने अपने अनुभाव साझा किये। प्रतिनिधियों ने एसडीजी, प्रशासन और पोषण जैसे विषयों के लिए सरकार के साथ जुड़कर कार्य करने के संदर्भ में अपने अनुभव साझा किए।   (PIB)
*श्री अमित खरे सूचना एवं प्रसारण सचिव हैं।  
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/जेके/डीएस– 2658   
(रिलीज़ आईडी: 1583181) आगंतुक पटल : 19 

सोमवार, अगस्त 26, 2019

सभी गांव ग्रामनेट के जरिये वाई-फाई से जल्द जुड़ेंगे:श्री धोत्रे

प्रविष्टि तिथि: 26 AUG 2019 3:51PM by PIB Delhi
सी-डॉट–एक्सजीएसपीओएन, सी-सैट-फाई और सीआईएसटीबी जैसे नए उत्पाद जारी    
सी-डॉट का 36वां स्थापना दिवस
सरकार ने आज अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि ग्रामनेट के जरिये सभी गांव में वाई-फाई उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी कनेक्टिविटी 10 एमबीपीएस से 100 एमबीपीएस गति के बीच होगी। आज नई दिल्ली में सी-डॉट के 36वें स्थापना दिवस समारोह में संचार राज्य मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे ने मुख्य वक्तव्य देते हुए कहा कि भारतनेट 01 जीबीपीएस कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है, जिसे 10 जीबीपीएस तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज सी-डॉट के. जारी होने वाले एक्सजीएसपीओएन से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत सहायता होगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यह बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनका सपना था कि भारत के गांव आत्मनिर्भर बनें।
श्री धोत्रे ने कहा कि सी-डॉट की सी-सैट-फाई प्रौद्योगिकी से भारत के लोग, खासतौर से गांव और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके जरिये उन्हें टेलीफोन और वाई-फाई सुविधाएं मिलेंगी। इस प्रौद्योगिकी से देश के सभी भागों में यह सुविधा सभी मोबाइल फोनों पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी से सुदूर स्थानों पर रहने वाले लोग उपग्रह के जरिये संपर्कता प्राप्त करके मुख्यधारा में आ जायेंगे।इन स्थानों पर फाइबर लाइन बिछाना कठिन होता है और वहां इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। श्री धोत्रे ने सी-डॉट – एक्सजीएसपीओएन, सी-सैट-फाई और सीआईएसटीबी जैसे नए उत्पाद भी जारी किये।
इस अवसर पर सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री विपिन त्यागी ने कहा कि सी-सैट-फाई वायरलैस और उपग्रह संचार पर आधारित है, ताकि दुर्गम स्थानों और दूरदराज के इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि इस सस्ती सुविधा में महंगे सेटेलाइट फोनों की जरूरत नहीं है और यह सुविधा वाई-फाई वाले फोन पर काम करेगी।
समारोह में ईटीएसआई के महानिदेशक श्री लुई जॉर्ज रोमेरो, भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत महामहिम श्री रेमंड मैगिस और संचार मत्रांलय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एकेपी/सीएस–2638
रिलीज़ आईडी: 1583066) आगंतुक पटल : 144 

शनिवार, अगस्त 24, 2019

प्रधानमंत्री ने बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित किया

प्रविष्टि तिथि: 24 AUG 2019 5:10PM by PIB Delhi
मेरा उद्देश्‍य यहां बसे भारतीयों से भेंट करना 
प्रधानमन्‍त्री ने कहा ‘बहरीन की मेरी यात्रा शासनाध्‍यक्ष के रूप में, प्रधानमंत्री के रूप में हो सकती है, लेकिन मेरा उद्देश्‍य यहां बसे भारतीयों से भेंट करना और बहरीन के लाखों मित्रों से बातचीत करना है। आज जन्‍माष्‍टमी का पवित्र त्‍यौहार है। मुझे बताया गया कि खाड़ी क्षेत्र में जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर कृष्‍ण कथा सुनाने की परंपरा आज भी है। कल मैं श्रीनाथ जी के मंदिर जाऊंगा और आप सभी लोगों और आपके मेजबान देश की समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना करूंगा’।
प्रधानमन्‍त्री ने कहा ‘मैं जानता हूं कि आप और भारत के श्रद्धालु किस प्रकार से इस त्‍यौहार को श्रद्धा और उल्‍लास के साथ मनाते हैं। यह खुशी की बात है कि कल इस मंदिर का पुनर्निमाण कार्य औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा’।
प्रधानमन्‍त्री ने कहा कि भारतीयों की ईमानदारी निष्‍ठा और क्षमता और बहरीन के सामाजिक आर्थिक जीवन में उनके योगदान के कारण बहरीन में भारतीयों के प्रति सद्भाव है। प्रधानमन्‍त्री ने कहा, ‘आप लोगों ने अपने कठोर परिश्रम से यहां अपने लिए स्‍थान बनाया है। हमें इस सद्भावना को मजबूत बनाना होगा। मैं जब कभी भी यहां सरकार के भारतीय सहयोगियों, यहां व्‍यवसाय करने वाले लोगों, यहां बसे लोगों, यहां काम करने वाले लोगों की प्रशंसा सुनता हूं, मेरा मन खुशी से भर जाता है।
प्रधानमन्‍त्री ने कहा कि आज भारत में लगभग प्रत्‍येक परिवार बैंकिंग सेवाओं से जुड़ा हुआ है। मोबाइल फोन, इंटरनेट भारत के सामान्‍य परिवार की पहुंच के भीतर है। दुनिया में सबसे सस्‍ता इंटरनेट डेटा भारत में उपलब्‍ध है। इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं जिससे भारत में अधिकतर सेवाएं डिजिटल दी जा सकें।
प्रधानमंत्री ने कहा प्रत्‍येक भारतीय को यकीन होने लगा है कि भारत के सपनों, उम्‍मीदों और आकाक्षांओं को पूरा किया जा सकता है। प्रधानमन्‍त्री ने कहा, ‘हमारे लक्ष्‍य काफी ऊंचे है, लेकिन जब आपके पास 130 करोड़ लोगों की भुजाएं हों, आप प्रोत्‍साहित होते हैं। भारत आज  न केवल सरकार के प्रयासों से बल्कि करोड़ों भारतीयों की भागीदारी से आगे बढ़ रहा है। सरकार केवल स्‍टीयरिंग पर है, देश की जनता ही एक्‍सीलरेटर दबा रही है।
उन्‍होंने कहा कि भीम ऐप, यूपीआई और जनधन खाते ने भारत में बैंकिंग तक आम नागरिकों की पहुंच बना दी है। हमारा रूपे कार्ड अब दुनियाभर में लेन-देन का प्राथमिक माध्‍यम बन गया है। अब हमारे रूपे कार्डों को दुनियाभर में बैंकों और बिक्रेताओं द्वारा स्‍वीकार किया जाता है।
प्रधानमन्‍त्री ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि आप जल्‍द ही बहरीन में रूपे कार्ड से लेन-देन कर सकेंगे। रूपे कार्ड के इस्‍तेमाल के लिए आज एक समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए गए। हमारा इरादा आप लोगों को भारत में अपने घर पर धनराशि भेजने के लिए रूपे कार्ड की सुविधा प्रदान करना है। अब आप यह कह सकेंगे कि बहरीन-रूपे से भुगतान।
उन्‍होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में हमारा प्रयास रहा है कि विदेशों में रह रहे करोड़ों भारतीयों और देश में रह रहे 130 करोड़ भारतीयों का सिर हमेशा ऊंचा रहे। आज यदि भारत दुनिया को सम्‍मान से देखता है, तो इसका एक बड़ा कारण आप जैसे लाखों साथी हैं।
भारत में विकास की चर्चा करते हुए, उन्‍होंने कहा कि समेकित गतिशीलता के लिए भारत ‘एक देश एक कार्ड’ की दिशा में बढ़ रहा है। पूरा भारत ‘एक देश एक ग्रेड’ और जीएसटी के रूप में ‘एक देश एक कर’ से जुड़ गया है। भारत में जीवन और व्‍यवसाय को सुगम बनाने के लिए सभी उपाय किए गए हैं। सभी समाधानों का अविष्‍कार भारत के युवाओं ने किया है। भारत के युवा वैश्विक एप्‍लीकेशनों के साथ स्‍थानीय समाधान ढूंढने के लिए काफी गंभीरता से कार्य कर रहे हैं। भारत की प्रतिभा को दुनियाभर में पहचान मिल रही है। उनकी प्रतिभा वैश्विक परियोजनाओं और संस्‍थाओं में आश्‍चर्यजनक कार्य कर रही है। छोटे से बजट में चन्‍द्रयान जैसी उपलब्धियां हासिल करने को लेकर भारत के वैज्ञानिकों की दुनिया में सराहना की जा रही है। यह गुण न केवल हमारे लिए फायदेमंद है बल्कि हमारी पहचान भी है। हम बजट पर ही ध्‍यान केन्द्रित नहीं करते बल्कि हमारे अंदर अपने लक्ष्‍य को हासिल करने की इच्‍छा शक्ति है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर लेगा। मेरा आपसे आग्रह है कि आप अपने स्‍तर पर कुछ नई प्रतिज्ञाएं लें। आप फैसला कीजिए कि प्रत्‍येक व्‍यक्ति हर वर्ष बहरीन के अपने कुछ मित्रों को भारत के खूबसूरत पहाड़ी स्‍थानों से लेकर समृद्ध अध्‍यात्‍म और सांस्‍कृतिक विरासत को देखने के लिए भारत यात्रा करने के लिए प्रेरित करेगा। हमने शपथ ली है कि हम भारत को 2022 तक प्‍लास्टिक के एकल इस्‍तेमाल से मुक्‍त कर देंगे।
प्रधानमन्‍त्री ने कहा, ‘’आइये भारत और बहरीन अपने साझा मूल्‍यों और हितों की दिशा में मिलकर कार्य करें। भारत और बहरीन प्राचीन सभ्‍यता वाले आधुनिक देश हैं। दोनों देशों में काफी संभावनाएं हैं। मुझे पूर्ण विश्‍वास है कि बहरीन में मेरे भारतीय साथी भारत-बहरीन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए संबंधों और संभावनाओं के इस बंधन को मजबूत बनाएंगे’’।       
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/केपी/एमबी – 2629  
(रिलीज़ आईडी: 1582968) आगंतुक पटल : 87 

गुरुवार, अप्रैल 25, 2019

नाटक विवाद को लेकर बजरंग दल क़ानूनी लड़ाई को भी तैयार

वकीलों ने कहा-हम आरोपियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाएंगे 
लुधियाना: 25 अप्रैल 2019: (इर्द गिर्द डेस्क):: 
कुछ दिन पहले यहाँ के सतीश चंद्र धवन कालेज  की एलुमनी मीट के दौरान करवाए गए एक नाटक का विवाद और गहराता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मराठी लेखिका रसिका अगाशे के इस लोक प्रिय नाटक "म्यूज़ियम" में कुछ ऐसे नाटक हैं जिन पर हिन्दू संगठन बजरंग दल ने ऐतराज़ उठाया है। बजरंग दल का कहना है कि हम अपने देवी -देवताओं के अपमान को सहन नहीं करेंगे। इसी मुद्दे को लेकर ये लोग पुलिस के पास गए थे। थाना डिवीजन नंबर 8 ने 295A ए के तहत प्रिंसिपल धर्म सिंह संधू, प्रोफेसर  संधू, नीलम भारद्वाज और 12 स्टूडेंट पर मामला दर्ज किया गया। बजरंग दाल के स्थानीय प्रमुख चेतन मल्होत्रा के मुताबिक इस मामले का ऍफ़ आई आर नंबर 0118 है। बजरंफ दल के मुताबिक आज गुरुवार को नीलम द्धारा सैशन कोर्ट में बेल की अर्जी दी गयी। बजरंग दल का कहना है कि यह अर्ज़ी झूठ के आधार पर थी इस लिए अर्ज़ी देने वालों की पराजय भी निश्चित थी। इस मुद्दे में संगठन की ओर से  एडवोकेट मुनीश मित्तल, एडवोकेट राहुल रल्हन, एडवोकेट गौतम कमल मित्तल की तरफ से मामले की पैरवी की गयी। बजरंग  दल का कहना है कि हमारे दवाब को देखते ही आरोपी के वकील ने बेल की अर्जी वापिस ली।
इसी बीच डवोकेट मुनीश मित्तल और एडवोकेट राहुल रल्हन ने कहा कि हम आरोपियो को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएंगे। अब देखना है कानून क्या रास्ता अख्तियार करता है। 

बुधवार, अप्रैल 24, 2019

मतदान का उत्साह गोवा में भी दिखा

चुनावी स्याही दिखाती हुईं कुछ महिला वोटर 
मोरमुगाओ: 23 अप्रैल 2019:(पीआईबी//इर्द गिर्द)::
कोई बच्चा अगर एक मिटटी का घर भी बनता है तो उसे बेहद प्रसन्नता होती है। मन में एक नया उत्साह सा होता है और चेहरे पर चमक। जब किसी बालग व्यक्ति ने पूरे देश के निर्माण में अपना मतदान करके  तो उस की ख़ुशी का अनुमान लगाना कठिन न होगा। इस ख़ुशी को देखा जा सकता है गोवा में इन महिला मतदाताओं के चेहरों पर। तस्वीर में आप देख सकते हैं। आम चुनाव-2019 के तीसरे चरण के दौरान 23 अप्रैल, 2019 को गोवा में वास्को डी गामा के मोरमुगाओ में एक मतदान केन्द्र पर कुछ महिला मतदाता वोट डालने के बाद चुनावी स्याही दिखाती हुईं।  

मंगलवार, अप्रैल 23, 2019

डॉ. हेडगेवार- भारत के परिवर्तन के वास्तुकार//*तरुण विजय


Posted On: 01 APR 2017 1:23PM
    एक महान व्‍यक्ति की अविश्‍वसनीय गाथा                  यदि हमें किसी ऐसे व्‍यक्तित्‍व का चयन करना हो, जिनके जीवन और संगठनात्‍मक क्षमता ने किसी औसत भारतीय के जीवन को सर्वाधिक प्रभावित किया हो, वह व्‍यक्तित्‍व निर्विवाद रूप से डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार होंगे।

साभार चित्र 

नागपुर में 1889 में हिंदू नव वर्ष (1 अप्रैल)  को जन्‍में, डॉ हेडगेवार आगे चलकर राष्‍ट्र की हिंदू सभ्‍यता से संबंधित विरासत के प्रति सुस्‍पष्‍ट गौरवयुक्‍त आधुनिक सर्वशक्तिमान भारत के वास्‍तुकार बनें।
यह एक ऐसे महान व्‍यक्ति की अविश्‍वसनीय गाथा है, जो समर्पित युवाओं की एक ऐसी नई व्‍यवस्‍था के साथ समाज में परिवर्तन लाने में सफल रहा, जिसका प्रसार आज - तवांग से लेकर लेह तक और ओकहा से लेकर अंडमान तक भारत के कोने-कोने में देखा जा रहा है।
लेखक-तरुण विजय 
उन्‍होंने 1925 में विजय दशमी के अवसर पर राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्‍थापना की थी, लेकिन इसे यह नाम एक वर्ष बाद दिया गया। इस संगठन के बारे में पहली घोषणा एक साधारण वाक्‍य - ‘’मैं आज संघ (संगठन) की स्‍थापना की घोषणा करता हूं‘’  के साथ की गई। इस संगठन को आरएसएस का नाम साल भर के गहन वि‍चार-विमर्श और अनेक सुझावों के बाद दिया गया, जिनमें - भारत उद्धारक मंडल (जिसका अस्‍पष्‍ट अनुवाद- भारत को पुनर्जीवित करने वाला समाज) और राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ शामिल थे। इसका प्रमुख उद्देश्‍य आंतरिक झगड़ों का शिकार न बनने वाले समाज की रचना करना और एकजुटता कायम करना था, ताकि भविष्‍य में कोई भी हमें अपना गुलाम न बना सके। इससे पहले वे कांग्रेस के सक्रिय सदस्‍य और कांग्रेस के प्रसिद्ध नागपुर अधिवेशन के आयोजन के सह-प्रभारी रह चुके थे। उन्‍होंने असहयोग आंदोलन में भाग लिया था और  आजादी के लिए जोशीले भाषण देने के कारण उन्‍हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी। वह अनुशीलन समिति के क्रांतिकारियों और उसके नेता पुलिन बिहारी बोस के साथ संबंधों के कारण भी ब्रिटेन के निशाने पर  थे।
लेकिन उन्‍हें अधिक प्रसिद्धि नहीं मिली और उनके जीवन के बारे में उन लोगों से भी कम जाना गया, जिनको उन्‍होंने सांचे में ढाला था और जो आगे चलकर अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर जानी-मानी हस्तियां बनें। आज भारत में अगर किसी संगठन द्वारा सेवाओं और परियोजनाओं का विशालतम नेटवर्क संचालित किया जा रहा है, तो वह संभवत: आरएसएस – डॉ. हेडगेवार से प्ररेणा प्राप्‍त लोगों द्वारा संचालित जा रहा नेटवर्क ही है। इन परियोजनाओं की संख्‍या एक लाख 70 हजार है, जिनमें अस्‍पताल, ब्‍लड बैंक, आइ बैंक, दिव्‍यांगों, दृष्टि बाधितों और थेलेसीमिया से पीडि़त बच्‍चों  की सहायता के लिए विशेष केंद्र शामिल हैं। चाहे युद्ध काल हो या प्राकृतिक आपदा की घड़ी- हेडगेवार के समर्थक मौके पर सबसे पहले पहुंचते हैं और राहत पहुंचाते हैं। चाहे चरखी दादरी विमान दुर्घटना हो, त्‍सुनामी, भुज, उत्‍तरकाशी भूकम्‍प या केदारनाथ त्रासदी हो- आरएसएस के स्‍वयंसेवक पीडि़तों की मदद के लिए और बाद में पुनर्वास के कार्यों में भी सबसे आगे रहते हैं।
यह सत्‍य है कि भाजपा अपने नैतिक बल के लिए आरएसएस की ऋणी है और उसके बहुत से नेता स्‍वयंसेवक हैं, तो भी भारतीय समाज पर डॉ. हेडगेवार के प्रभाव का आकलन केवल भाजपा के राजनीतिक प्रसार से करना, उसे बहुत कम करके आंकना होगा। भारत-म्‍यांमार सीमा के अंतिम छोर पर बसे गांव – मोरेह को ही लीजिए- वहां स्‍कूल कौन चला रहा है और स्‍थानीय ग्रामीणों को दवाइयां कौन उपलब्‍ध करवा रहा है ? ये वे लोग हैं, जो डॉ. हेडगेवार के विज़न से प्रेरित हैं। इसी तरह पूर्वोत्‍तर में स्‍थानीय लोगों की सेवा के लिए मोकुकचेंग और चांगलांग परियोजनाएं और अंडमान के जनजातीय विद्यार्थियों के लिए पोर्टब्‍लेयर आश्रम भी इन्‍हीं केवल लोगों द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। आरएसएस के पास आज स्‍कूलों और शिक्षकों तथा शैक्षणिक संस्‍थाओं का विशालतम नेटवर्क है। विद्या भारती आज 25000 से ज्‍यादा स्‍कूल चलाती है, उनमें पूर्वोत्‍तर के सुदूर गांव से लेकर लद्दाख का बर्फीले क्षेत्रों तक,  राजस्‍थान, जम्‍मू और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में 2,50,000 छात्र पढ़ते हैं और एक लाख अध्‍यापक शिक्षा प्रदान करते हैं।
    मैं पिछले सप्‍ताह एक वृत्‍तचित्र बनाने के लिए हेडगेवार के पैतृक गांव तेलंगाना के कंडाकुर्ती गया था। यह गोदावरी, हरिद्र और मंजरी के संगम पर बसा एक ऐतिहासिक गांव है। हेडगेवार परिवार का पैतृक घर लगभग 50 फुट बाइ 28 फुट का है, जिसे आरएसएस के वरिष्‍ठ नेता मोरोपंत पिंगले की सहायता और प्रेरणा से स्‍थानीय ग्रामीणों द्वारा स्‍मारक का रूप दिया जा चुका है। यहां एक उत्‍कृष्‍ट सह-शिक्षा विद्यालय केशव बाल विद्या मंदिर का संचालन किया जा रहा है, जिसमें लगभग 200 बच्‍चे पढ़ते हैं। मैं यह देखकर हैरान रह गया कि उस स्‍कूल के विद्यार्थियों की काफी बड़ी संख्‍या, लगभग 30 प्रतिशत मुस्लिम लड़कियों और लड़कों की थी। ऐसा नहीं कि उस गांव में और स्‍कूल नहीं हैं। इस शांत, प्रशांत गांव में लगभग 65 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों और 35 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है। वहां जितने प्राचीन मंदिर हैं, उतनी ही मस्जिदे भी हैं। दोनों साथ- साथ स्थित हैं और वहां एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई है। मुस्लिम अपने बच्‍चों को ऐसे स्‍कूल में पढ़ने क्‍यों भेजते हैं, जिसकी स्‍थापना आरएसएस के संस्‍थापक की याद में की गई है?
    मेरी मुलाकात एक अभिभावक – श्री जलील बेग से हुई, जिनके वंश का संबंध मुगलों से है। वे पत्रकार हैं और उर्दू दैनिक मुन्सिफ के लिए लिखते हैं। उन्‍होंने कहा कि उनका परिवार इस स्‍कूल को पढ़ाई के लिए अच्‍छा मानता है, क्‍योंकि यह स्‍कूल गरीबों और आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर वर्गों को उत्‍कृ‍ष्‍ट सुविधाएं उपलब्‍ध कराता है। सबसे बढ़कर इस स्‍कूल का स्‍तर अच्‍छा है और उसमें डिजिटल क्‍लास भी है, जहां बच्‍चों को कंप्‍यूटर शिक्षा प्रदान की जाती है। मैंने स्‍कूल की नन्‍हीं सी छात्रा राफिया को लयबद्धढंग से ‘’हिंद देश के निवासी सभी हम एक हैं, रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं’’ गाते सुना।
    कई प्रमुख नेताओं पर बहुत अधिक प्रभावित करने वाले डॉ हेडगेवार ने ‘सबका साथ सबका विकास’ थीम को पूर्ण गौरव के साथ प्रस्‍तुत करते अपने पैतृक गांव के माध्‍यम से एक सर्वोत्‍तम उपहार दिया है।
    जिस व्‍यक्ति ने लाखों लोगों को अखिल भारतीय विज़न प्रदान किया, प्रतिभाशाली भारतीय युवाओं को प्रचारक – भिक्षुओं के रूप में एक ऐसी नई विचारधारा का अंग बनने के लिए प्रेरित किया, जो भले ही गेरूआ वस्‍त्र धारण न करें, लेकिन तप‍स्‍वी जैसा जीवन व्‍यतीत करते हुए लोगों की शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य सेवा, शांति के साथ, बिना किसी प्रचार के, मीडिया की चकाचौंध से दूर रहते हुए सभ्‍यता के उत्‍थान में अपना उत्‍कृष्‍ट योगदान दें।  यह एक ऐसे भारत की गाथा है, जो अभूतपूर्व रूप से बदल रहा है।
    डॉ हेडगेवार ने लाखों लोगों को राष्‍ट्र के व्‍यापक कल्‍याण के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया, भारत के सार्वभौमिक मूल्‍यों और धार्मिक परम्‍पराओं के लिए गर्व और साहस की भावना से ओत-प्रोत किया, जिसके बारे में  देश को अधिक जानकारी प्राप्‍त करने और उसका आकलन किए जाने की आवश्‍यकता है। वे भारत में परिवर्तन के अब तक के सबसे बड़े प्रवर्तक हैं। (PIB)
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*लेखक राज्‍य सभा के पूर्व सदस्‍य, वरिष्‍ठ पत्रकार और समालोचक हैं
लेख में व्‍यक्‍त विचार निजी हैं।
वि लक्ष्‍मी/ रीता/ एनआर-46
पूरी सूची-01-04-2017

गुरुवार, जनवरी 24, 2019

मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने देखा कुम्भ मेला

प्रविष्टि तिथि: 24 JAN 2019 6:31PM by PIB Delhi
आज प्रयागराज कुंभ के संगम में पवित्र स्‍नान किया
प्रयागराज: 24  जनवरी 2019: (पीआईबी//प्रयागराज मेला प्राधिकरण//इर्द गिर्द)::
मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविन्‍द जगन्‍नाथ ने आज प्रयागराज कुंभ के संगम में पवित्र स्‍नान किया और भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की। कुंभ में नवनिर्मित एकीकृत नियंत्रण केन्‍द्र को देखने के बाद वे दिल्‍ली लौट गये। प्रधानमंत्री श्री प्रविन्‍द जगन्‍नाथ वाराणसी में आयोजित 15वें प्रवासी भारतीय दिवस में शामिल होकर कुंभ आये थे।

15वें प्रवासी भारतीय दिवस के अतिथि प्रयागराज कुंभ पहुंचने लगे हैं। कुंभ में बने टेंटसिटी में अतिथियों का गर्मजोशी से स्‍वागत किया जा रहा हैं। प्रवासी भारतीयों के लिए सेक्‍टर-20, टेंटसिटी में चार स्‍थानों - इन्‍द्रप्रस्‍थम, वेदिका, कुंभम् और अगामन में ठहरने की व्‍यवस्‍था की गई है। सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गये है। भारतीय कला व हस्‍तकलाओं को देखने के लिए वे संस्‍कृति ग्राम और कला ग्राम भी जाएंगे। प्रवासी अतिथि संगम, अक्षयवट, समुद्रकूप, सरस्‍वती कूप और हनुमान मंदिर का भी दर्शन करेंगे। प्रवासी भारतीयों ने ठहरने व सुरक्षा के प्रबंधों की सराहना की है तथा प्रवासी भारतीय दिवस को कुंभ व गणतंत्र दिवस समारोह के साथ जोड़ने के लिए सरकार के निर्णय का स्‍वागत किया है।
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हिन्‍द्री इकाई, पसूका
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