बुधवार, जुलाई 13, 2011

सिख संगत की तरफ से लुधियाना में इंसाफ मार्च 15 जलाई को

प्रोफेसर भुल्लर को फांसी की सजा रद्द करने की मांग ने पकड़ा जोर  
लुधियाना : विभिन्न मामलों में सिख कौम के साथ की जा रही ना-इंसाफी के विरोध में समूह सिख संगत की तरफ से इंसाफ़ मार्च 15 जुलाई 2011 को निकाला जायेगा। यह मार्च माडल टाउन लुधियाना स्थित गुरुद्वारा शहीदा नज़दीक गुज्जरखान कैंपस से प्रात:काल 10 बजे आंरभ हो कर शहर के अलग अलग हिस्सों से होता हुआ डी सी कार्यलय में पहुँचेगा। और डी सी को मााग पत्र देने के उपरांत संपन्न होगा। उक्त जानकारी पंथक नेता मनविन्दर सिंह ग्यासपुरा,बलविन्द्र सिंह भुल्लर,गुरदीप सिंह गोशा, बलजीत सिंह शिमलापुरी और जरनैल सिंह ने मल्हार रोड पर एक होटल में आयोजित पत्रकार सम्मेलन दौरान दी। पत्रकारों को संबोधन करते हुए युवा नेता गुरदीप सिंह गोशा और मनविन्दर सिंह ग्यासपुरा ने इंसाफ़ मार्च के मकसद बारे बताया कि इस मार्च के माध्यम से सिख संगत को कौम के साथ की जा रही ना -इंसाफी के प्रति जागरूक करने साथ साथ सरकार और एस जी पी पी और काबिज़ पक्ष को कुंभकरनी नींद से जगाने के यत्न करेंगे। सिखों के साथ की जा रही ना-इंसाफी की बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिना किसी कसूर के उम्र कैद से अधिक सजा भुगत चुके प्रो. दविन्दर पाल सिंह भुल्लर की फांसी का सजा को बिना समय गवाए उम्रकैद में बदलने और पिछले कई सालों से देश की अलग अलग जेलों में बंद बे कसूर सिख नौजवानों को रिहा करवाने के लिए इंसाफ़ मार्च के द्वारा मांग की जाएगी। बलजीत सिंह शिमलापुरी और जरनैल सिंह ने पंजाब के अलग अलग हिस्सों में कई महीनों से सिख विरोधी ताकतों के इशारे और शरारती तत्वों की तरफ से श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के पवित्र पवित्र स्वरूप अग्नि भेंट किये जाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इन घटनाओं की जांच करने की बजाय सतासीन लोगो  की तरफ से इन घटनाओ को शार्ट सर्कट बता कर मामला बंद कर दिया जाता है। क्या यह ना-इंसाफी और झूठ नहीं। बलविन्दर सिंह भुल्लर  ने जागत ज्योति श्री गुरु ग्रंथ साहब सत्कार एक्ट 2008 का उल्ंलघन करके सुनहरी अक्षरों वाले श्री गुरु ग्रंथ साहब जी के स्वरूप छापने के मामलो का हवाला देते हुए कहा कि इस कानून की उल्लंघना करने  वाले निजी प्रकाशक,छपाई करवाने और छपाई की इजाज़त देने वालों के विरुद्ध कार्यवाही ना होना ना-इंसाफी नहीं तो ओर क्या है। युवा नेताओं ने सिख संगत को खुला न्योता दिया कि वह पार्टी बाज़ी से ऊपर उठ कर सिख कौम के साथ की जा रही ना-इंसाफी के विरोध में आवाज़ बुंलद करने के उद्देश्य के साथ आयोजित किये जा रहे ना-इंसाफ़ मार्च को सफल करे। इस मौके पर अवतार सिंह दुबई,चरनजीत सिंह (चन्नी फैबरिकस) मनजिन्दर सिंह काला,कमलजीत सिंह,बलजीत सिंह,प्रितपाल सिंह जमालपुर,चरनप्रीत सिंह मिक्की,परमजीत सिंह पम्माा भी उपस्थित थे।