Thu, Jan 2, 2014 at 12:36 PM
अब तो कमजोर और पाखण्ड का ये देश है
अब ना भगत ना सुखदेव ना राज गुरु शेष हैं
हे भारत भू हे सखी तू
लौट जा उस काल में तू
जब तेरे बालक के बाजू में था दम
जब था वो यमुना का जल सरस पावन
जब स्वम माधव ने भरी सभा चीर को बढाया
जब एक धागे की कसम ने रक्षा बन्धन का सम्मान पाया
जब भीम ने दुर्योधन के घमण्ड को जन्घा से हटाया
जब दुर्गा ने धरा पर माता का सम्मान पाया
अब तो कमजोर और पाखण्ड का ये देश हैं
अब ना भगत ना सुखदेव ना राज गुरु शेष हैं
पैसा कमाना कैसे सब ये पढाते
जीवन जीना कैसे ये सब भूल जाते
आदर्श के नाम पे घोटाला लिखा हैं
गैर ने नही ये खून तेरा अपनो ने पिया हैं
हे भवानी ! क्यू राजपूतो का खून अब ना डोले
देख कर ये हशर कोई उद्धम सिंह क्यू ना बोले
बस मंदिरो में सब ने तुझ को कैद कर दिया हैं
केवल विनाश का रास्ता ही शेष रह गया हैं
--पंडित सिद्धार्थ शर्मा (सत्र 2004-08)
अब तो कमजोर और पाखण्ड का ये देश है
अब ना भगत ना सुखदेव ना राज गुरु शेष हैं
हे भारत भू हे सखी तू
लौट जा उस काल में तू
जब तेरे बालक के बाजू में था दम
जब था वो यमुना का जल सरस पावन
जब स्वम माधव ने भरी सभा चीर को बढाया
जब एक धागे की कसम ने रक्षा बन्धन का सम्मान पाया
जब भीम ने दुर्योधन के घमण्ड को जन्घा से हटाया
जब दुर्गा ने धरा पर माता का सम्मान पाया
अब तो कमजोर और पाखण्ड का ये देश हैं
अब ना भगत ना सुखदेव ना राज गुरु शेष हैं
पैसा कमाना कैसे सब ये पढाते
जीवन जीना कैसे ये सब भूल जाते
आदर्श के नाम पे घोटाला लिखा हैं
गैर ने नही ये खून तेरा अपनो ने पिया हैं
हे भवानी ! क्यू राजपूतो का खून अब ना डोले
देख कर ये हशर कोई उद्धम सिंह क्यू ना बोले
बस मंदिरो में सब ने तुझ को कैद कर दिया हैं
केवल विनाश का रास्ता ही शेष रह गया हैं
--पंडित सिद्धार्थ शर्मा (सत्र 2004-08)