जीवन और कैरियर के आरम्भिक दौर में पत्रकार भी रहे
गांधीनगर: 9 जनवरी 2021: (इर्द गिर्द डेस्क)::
दुखद खबरों का सिलसिला भी जारी है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी का शनिवार को निधन हो गया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने 94 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वह अपने राजनीतिक रणकौशल के बलबूते सियासत पर छाए रहने वाले नेता थे। गौरतलब है कि वह अपने जीवन और कैरियर के आरम्भिक दौर में पत्रकार भी रहे। उनका पुस्तक प्रेम निभा। शब्द और साहित्य उनके जीवन का अभिन्न अंग रहे।माधव सिंह सोलंकी का जन्म 30 जुलाई 1927 को हुआ था। पेशे से वकील थे और तर्क में उनका कोई जवाब नहीं था। वकालत में भी अच्छा नाम कमा सकते थे लेकिन सियासत में आ गए। सोलंकी वर्ष 1977 में बहुत कम समय के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। लगता था शायद उनकी सियासी कैरियर खत्म हो गया है लेकिन वह हिम्मत के साथ दोबारा उभरे। उन्होंने अपना लोहा फिर से मनवाया। इसके बाद वह साल 1980 में दोबारा सत्ता में आए। यह उनके राजनीतिक करिश्मों में शामिल गिना जायेगा।
पूर्व मुख्यमंत्री सोलंकी का शनिवार को गांधीनगर स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। उनका जाना उनके समर्थकों भी के लिए भी गहरा सदमा है और उनकी पार्टी के लिए भी। सोलंकी का निधन होने के बाद राज्य सरकार ने शनिवार को राजकीय शोक की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए घोषणा की कि सोलंकी का अंतिम संस्कार पूरे राजनयिक सम्मान के साथ किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर कर कहा कि श्री माधवसिंह सोलंकी जी एक दुर्जेय नेता थे, जो दशकों से गुजरात की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। उन्हें समाज के लिए की गई शानदार सेवा के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उनके निधन से दुखी हूं। श्री मोदी ने उनके बेटे भरत सोलंकी से बात करके अपनी संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं।
गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र चुडास्मा ने भी उनके देहांत पर गहरा शोक व्यक्त किया है और शनिवार को उनके आवास पर जाकर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से यह मेरी आदत रही है कि मैं सोलंकी जी के जन्मदिन पर उनके घर जाकर उनके साथ समय बिताया करता था। पिछली बार 15 नवंबर को मिला था तो उन्हें अच्छे स्वास्थ्य के लिए शुभकामनाएं दी थीं। इस तरह उनके चाहने वालों के मन में उनकी यादें लगातार उमड़ती आ रही हैं।
इसी तरह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शोक जताया है। निश्चय ही कांग्रेस पार्टी के लिए भी यह क्षति अपूरणीय है। उल्लेखनीय है कि दिग्गज कांग्रेसी नेता सोलंकी का जन्म 30 जुलाई, 1927 को आनंद जिले के बोरसाद तहसील के पिलुंदरा गांव में हुआ था। वह दिसंबर 1976 से 1990 के बीच 3 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
गौरतलब है कि मिड-डे मील नाम से जो पहल उन्होंने शुरू की थी, उसे पूरे देश में सफलतापूर्वक अपनाया गया। आज भी मिड डे मील बहुत ही लोकप्रिय है। उन्होंने गुजरात में बालिका पोषण योजना (कन्या केलवानी) और गुजरात औद्योगिक विकास निगम (जीआईडीसी) भी शुरू की थी। श्री सोलंकी तुष्टीकरण की राजनीति के लिए चलाई गई योजना क्षत्रिय हरिजन आदीवासी मुस्लिम (केएचएएम) के लिए भी काफी चर्चा में रहे। उनके नेतृत्व में गुजरात राज्य विधानसभा की 183 में से 149 विधानसभा सीटें जीतने का रिकॉर्ड भी है। बहुत कम लोग जानते हैं की वह एक पत्रकार भी रहे। सोलंकी ने एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था, फिर वकील बने और इसके बाद राजनीति में प्रवेश किया। पढ़ने के शौकीन सोलंकी ने अपने घर में एक लाइब्रेरी बनवाई हुई थी, जिसमें वे घंटों बिताया करते थे। उनके पुस्तक प्रेम ने उनके विचारों को भी संवेदना में ढाला। उनकी मनोवस्था को पुस्तक प्रेम ने एक नई और रचनात्मक दिशा दी। इसी दिशा ने मील जैसी योजनाओं को भी जन्म दिया।
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