06 February 2023 at 21:17
स्वरोजगार योजना से दिखाया यशोदा पटवा ने आजीविका में कमाल
छिन्दवाडा: 06 फरवरी 2023: (इर्द गिर्द ब्यूरो)::
शासन द्वारा संचालित स्वरोजगार योजना जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। छिंदवाड़ा जिले की नगर परिषद चांद की श्रीमती यशोदा पटवा के लिए भी स्वरोजगार योजना संकट की घड़ी में बड़ा सहारा साबित हुई है।
गौरतलब है कि चांद नगर की श्रीमती यशोदा ने दुर्भाग्य और गरीबी की इस अकस्मात मुसीबत के साथ एक जंग लड़ी भी है और जीती भी है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी में मेरे पति का स्वर्गवास हो गया। पति का साथ छूटने के बाद परिवार की जिम्मेदारी पूरी तरह मेरे ऊपर आ गई थी।
पूर्व में मैं गांव-गांव घूमकर मनिहारी एवं मंगलसूत्र गुथाई का काम करके अपने परिवार का पालन-पोषण करती थी जिससे लगभग 4-5 हजार रूपए की मासिक आय होती थी, लेकिन कोरोना काल में मेरा व्यवसाय पूरी तरह से बंद हो गया। कोरोना के दौर में जो पाबंदियां लगीं उनके कारण गांव गांव घूमना सम्भव ही नहीं था। घरों में बंद रहना ही जान बचने के लिए आवश्यक हो गया था।
व्यवसाय बंद हो जाने का मानसिक तनाव भी बना रहता था। बचत राशि पास में कुछ नही थी, जैसे-जैसे पैसे का जुगाड़ कर के रेडीमेड कपडे की दुकान बाजार चौक चाँद में लगाना प्रारंभ किया जिससे 200-300 रूपए की आमदनी प्रतिदिन हो जाती थी। लगभग एक साल मैंने फुटपाथ पर दुकान लगाई। इसके बाद नगर परिषद चाँद के माध्यम से स्वरोजगार योजना का पता चला कि इसमें रोजगार स्थापित करने के लिए 2 लाख रूपए तक का ऋण कम ब्याज दर पर प्राप्त हो रहा है।
इसके लिए मैने नगर परिषद में आवेदन किया और मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक शाखा चाँद से मुझे 2 लाख रूपए का ऋण प्राप्त हुआ। इस राशि से मैंने सबसे पहले बाजार क्षेत्र में एक दुकान किराये से ली और उसमें किड्स वेयर, मेन्स वेयर और रेडीमेड कपड़ों से दुकान आरम्भ की।
इस दुकान के माध्यम से मुझे अब प्रतिदिन 500-600 रूपए और प्रति माह लगभग 15 हजार रुपए की बचत हो जाती है। ऋण की मासिक किश्त और दुकान का किराया भी समय पर जमा कर देती हूं। बाकी रुपयों से परिवार का भरन-पोषण अच्छी तरह से हो जाता है और परिवार के साथ हँसी-खुशी जीवन व्यतीत कर रही हूँ। पति के जाने के बाद शासन की योजना की मदद से ही मेरा जीवन पहले से बेहतर हो सका है, इसके लिए मैं शासन को धन्यवाद देती हूं।
इस तरह शासन की योजनाओं का लाभ ले कर सुश्री यशोदा पटवा ने अपनी किस्मत की लकीरों को ही बदल डाला। उसने दुर्भाग्य की रेखाओं को मिटा डाला और हिम्मत कर के अपनी मर्ज़ी की किस्मत खुद लिख दी। आप भी चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। सत्ता की योजनाएं आप के लिए भी खुली हैं।
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