शुक्रवार, फ़रवरी 24, 2012

सूफीवाद और भारतीय रहस्‍यवाद

उपराष्‍ट्रपति ने किया एक विशेष पुस्‍तक का विमोचन
उपराष्‍ट्रपति श्री एम.हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में प्रोफेसर अख्‍तरूल वासी और श्री फरहत एहसास (फरहतुल्‍ला खान) द्वारा संपादित पुस्‍तक ''सूफीज्‍म एंड इंडियन मिस्‍टीसिजम'' का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि इस्‍लामी परंपरा में सूफीवाद सदियों से आत्मिक शांति, आध्‍यात्मिक पुनरुत्‍थान और ज्ञानोदय का स्रोत रहा है। यह अपनी उत्‍पत्ति, प्रकृति और बाहरी स्‍वरूप के संबंध में उठे सवालों को लेकर विद्वानों में बहस का विषय रहा है। उपराष्‍ट्रपति ने इस्‍लामी सूफीवाद और भारतीय रहस्‍यवाद के विभिन्‍न पहलुओं पर विद्वानों और जाने-माने विशेषज्ञों के विचार रखने के लिए पुस्‍तक के संपादकों की सराहना की। 

पुस्‍तक के इस खण्‍ड में 29 विस्‍तृत शोध पत्र हैं, जिनमें इस्‍लामी सूफीवाद और भारतीय रहस्‍यवाद के विभिन्‍न पहलुओं के बारे में गहरी जानकारी दी गई है। इस खण्‍ड में दर्शन, इस्‍लामी अध्‍ययन, मनोविज्ञान, समाज शास्‍त्र, इतिहास और पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और विद्वानों ने योगदान दिया है।
 23-फरवरी-2012 19:44 IST

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