राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित बच्चों ने की उप राष्ट्रपति से मुलाकात
वीरता पुरस्कार-2011 से सम्मानित बच्चों ने आज यहां एक समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी से मुलाकात की। उपराष्ट्रपति ने बहादुर बच्चों तथा उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की। बहादुर बच्चों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इन बच्चों में अपार क्षमता और सामर्थ्य है तथा वह निश्चित रूप से अपने जीवन में उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। बच्चों ने अपने साहस और बहादुरी के कारनामें उपराष्ट्रपति से बांटे।
इस वर्ष 24 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इनमें से पाँच बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है। विजेता बच्चों को एक पदक, प्रमाणपत्र और नकद राशि ईनाम के रूप में दी गई। प्रतिष्ठित भारत पुरस्कार रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड) के स्वर्गीय मास्टर कपिल सिंह (15 वर्ष) को दिया गया जिसने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए अपने स्कूल के बच्चों की जान बचाई। गीता चोपड़ा पुरस्कार अहमदाबाद की कुमारी मित्तल महेंद्रभाई (12 वर्ष 2 महीने) को दिया गया। संजय चोपड़ा पुरस्कार आज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश) के मास्टर ओम प्रकाश यादव (11 वर्ष 5 महीने) को दिया गया।
इस योजना की शुरूआत के बाद से भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा 584 लड़कों तथा 240 लड़कियों सहित 824 बच्चों को पुरस्कार दिए गए हैं। विजेताओं को परिषद की छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत उनकी स्कूली शिक्षा पूरी होने तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
वीरता पुरस्कार-2011 से सम्मानित बच्चों ने आज यहां एक समारोह में भारत के उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी से मुलाकात की। उपराष्ट्रपति ने बहादुर बच्चों तथा उनके परिवार के सदस्यों से बातचीत की। बहादुर बच्चों के कार्यों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इन बच्चों में अपार क्षमता और सामर्थ्य है तथा वह निश्चित रूप से अपने जीवन में उच्च लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे। बच्चों ने अपने साहस और बहादुरी के कारनामें उपराष्ट्रपति से बांटे।
इस वर्ष 24 बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इनमें से पाँच बच्चों को यह पुरस्कार मरणोपरांत दिया गया है। विजेता बच्चों को एक पदक, प्रमाणपत्र और नकद राशि ईनाम के रूप में दी गई। प्रतिष्ठित भारत पुरस्कार रूद्रप्रयाग (उत्तराखंड) के स्वर्गीय मास्टर कपिल सिंह (15 वर्ष) को दिया गया जिसने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए अपने स्कूल के बच्चों की जान बचाई। गीता चोपड़ा पुरस्कार अहमदाबाद की कुमारी मित्तल महेंद्रभाई (12 वर्ष 2 महीने) को दिया गया। संजय चोपड़ा पुरस्कार आज़मगढ़ (उत्तर प्रदेश) के मास्टर ओम प्रकाश यादव (11 वर्ष 5 महीने) को दिया गया।
इस योजना की शुरूआत के बाद से भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा 584 लड़कों तथा 240 लड़कियों सहित 824 बच्चों को पुरस्कार दिए गए हैं। विजेताओं को परिषद की छात्रवृत्ति कार्यक्रम के तहत उनकी स्कूली शिक्षा पूरी होने तक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
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