शुक्रवार, अप्रैल 01, 2011

जिंदगी क्या इसी को कहते हैं, जिस्म तन्हां है और जां तन्हां !

माहज़बीं बानो से मीना कुमारी तक का सफ़र केवल 39-40 बरस का ही था. छोटी सी ज़िन्दगी और वह भी गमसे भरी हुयी. मना कुमारी ने इस गम को गले कगाया और लोगों को शायरी की वह सौगात दी कि 39 बरस सात महीनों की वह छोटी सी ज़िन्दगी सदियों पर भारी हो गयी. बहुत से लोग आते हैं...लम्बी उम्र तक जीते भी हैं....बहुत कुछ करते भी हैं..पर वे कब रुखसत होते हैं कुछ पता नहीं चलता. उनके जाने के बाद भी कभी उनकी कोई चर्चा नहीं होती लेकिन मीना कुमारी को भूलना अगर नामुमकिन नहीं तो मुश्किल ज़रूर है. वह जिंदगी के हर सुख दुःख में याद आती है. जब वह कहती है हम सफ़र कोई गर मिले भी कहीं... दोनों चलते रहे तन्हा तन्हा...कल उसकी बरसी थी. साँसों का जो सिलसिला एक अगस्त 1932 को शुरू हुआ था वह 31 मार्च 1972 को थ गया बिलकुल ऐसे जैसे कोई गुज़र चूका वित्तीय वर्ष रुक जाता है अपने तमाम पुराने कारोबारी हिसाबों के साथ. आओ आज उसकी यादों का एक नया पन्ना उलटते हैं किसी नए साल की तरह. 

चाँद तन्हा है,आस्मां तन्हा
दिल मिला है कहाँ -कहाँ तन्हां

बुझ गई आस, छुप गया तारा
थरथराता रहा धुआं तन्हां

जिंदगी क्या इसी को कहते हैं
जिस्म तन्हां है और जां तन्हां

हमसफ़र कोई गर मिले भी कहीं
दोनों चलते रहे यहाँ तन्हां

जलती -बुझती -सी रौशनी के परे
सिमटा -सिमटा -सा एक मकां तन्हां

राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जायेंगे ये मकां तन्हा

आप इए उसकी आवाज़ में भी अवश्य सुनिए और महसूस कीजिये उसके दिल का दर्द... ;


उसकी एक और ग़ज़ल लोकप्रिय हुयी थी जिसके बोल थे टुकड़े टुकड़े दिन बीता  और धज्जी धज्जी रात मिली :

टुकडे -टुकडे दिन बीता, धज्जी -धज्जी रात मिली
जितना -जितना आँचल था, उतनी हीं सौगात मिली

जब चाह दिल को समझे, हंसने की आवाज़ सुनी
जैसा कोई कहता हो, ले फ़िर तुझको मात मिली

होंठों तक आते -आते, जाने कितने रूप भरे
जलती -बुझती आंखों में, सदा-सी जो बात मिली

इस ग़ज़ल को भी आप सुन सकते हैं उसकी आवाज़ में........:
आज भी मीना कुमारी की फिल्में बहुत कुछ कहती हैं. आप देखना चाहें तो प्रस्तुत है उन फिल्मों की एक लिस्ट:

जिसे विकिपीडिया के साभार यहाँ प्रकाशित किया जा रहा है. 

मीना की प्रमुख फिल्में

वर्षफ़िल्मचरित्रटिप्पणी
1971पाकीज़ानर्गिस/साहिबज़ान
1971दुश्मनमाल्ती बड़जात्या दीन
1971मेरे अपनेaanandi devi
1970जवाबविद्या
1967मझली दीदी
1967नूरजहाँ
1967चन्दन का पालनाशोभा राय
1967बहू बेगमzeenat
1966फूल और पत्थरशांति देवी
1965काजलमाधवी
1965भीगी रात
1964गज़ल
1964बेनज़ीरबेनज़ीर
1964चित्रलेखाचित्रलेखा
1963दिल एक मन्दिरसीता
1963अकेली मत जाइयो
1963किनारे किनारे
1962साहिब बीबी और ग़ुलाम
1962मैं चुप रहूँगीगायत्री
1962आरतीआरती गुप्ता
1961प्यार का सागर
1961भाभी की चूड़ियाँ
1960कोहिनूर
1960दिल अपना और प्रीत पराईकरुणा
1959अर्द्धांगिनीछाया
1959चार दिल चार राहें
1958सहारालीला
1958फ़रिश्ता
1958यहूदी
1958सवेरा
1957मिस मैरी
1957शारदाशारदा
1956मेम साहिबमीना
1956एक ही रास्तामाल्ती
1956शतरंज
1955आज़ादशोभा
1955बंदिशऊषा सेन
1954बादबाँ
1953परिनीताललिता
1952बैजू बावरागौरी
1952तमाशाकिरन
1951सनम
1946दुनिया एक सराय

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