शुक्रवार, जुलाई 04, 2025

पेड़ों की अलमारी: किताबें, भरोसा और प्रकृति की अनूठी साझेदारी

पेड़ों की अलमारी: किताबें, भरोसा और प्रकृति की अनूठी साझेदारी

✍लेखक:ChatGPT (OpenAI) ने जुटाई है ऐसी जानकारी जो नई आशाएं जगाती है।(इनपुट-मीडिया लिंक रविंदर)


किताबों की दुनिया से विशेष और दिलचसप बातें: 3 जुलाई 2025:(ChatGPT//OpenAI)::

अब जब की काफी समय से जंग का माहौल है। परमाणु बम के खतरे भी सामने आ रहे हैं। गाज़ा पट्टी,  ईरान,  इज़राइल, यूक्रेन इत्यादि इन सभी जगहों ने भयानक तबाही देखी है। दूधमुंहें बच्चों की मौत देखी है। इसके बाद भी इन स्थानों से चिंताजनक खबरें ही आ रही हैं।यह सिलसिला स्थाई तौर पर बंद हुआ नहीं लग रहा।शांति अभी भी खतरों में है। 

बारूद,नफरत, खून खराबा और जंग की बोझिल खबरों के दरम्यान AI ने दी है प्रेम, शांति और सद्भावना की नई  आशाएं। नई उम्मीदें--क्यूंकि जब पुस्तकों से प्रेम जागता है तो दुनिया के बेहतर बनने की संभावनाएं तेज़ी से बढ़ने लगती हैं। शायद इसीलिए जन विरोधी तानाशाह और अन्य लोग पुस्तकों पर पाबंदियां भी लगाते रहे हैं। पुस्तकों को जलाते भी रहे हैं। लेखकों ,  शायरों और विचारकों की हत्याएं भी करते रहे हैं। इस साब के बावजूद विचार ज़िंदा हैं, पुस्तकें फिर फिर लोगों के दिल और दिमाग में अपना स्थान बना लेती हैं। 

जहां हमलोग अच्छे भले फलदार और छायादार पेड़ों को काटने से भी पीछे नहीं हट रहे वहीं दुनिया में समझदार लोग गिर चुके पेड़ों का दोबारा इस्तेमाल भी एक नई ज़िन्दगी बनाने के लिए कर रहे हैं। इन पेड़ों को बहुत ही खूबसूरत शैल्फ और अलमारी की तरह किया जा रहा है। इन में बहुत ही खूबसूरती से सजा कर रखीं किताबें जैसे आवाज़ें दे कर बुला रही हों। इन किताबों में भी जीवन के रहस्य ही छुपे हैं। 

दुनिया में किताबों को लेकर भरोसे की अनूठी परंपराएँ रही हैं। कहीं बाजार में किताबें रातभर खुली छोड़ दी जाती हैं, तो कहीं सड़क किनारे कोई लकड़ी की अलमारी में अपनी प्रिय पुस्तकें रख जाता है ताकि कोई अनजान पढ़ सके।ऐसा ही एक अद्भुत प्रयोग है — बुक फ़ॉरेस्ट (Book Forest) — जो जर्मनी के बर्लिन शहर में देखा जा सकता है।

🌳 बुक फ़ॉरेस्ट — ज्ञान और प्रकृति का संगम

बर्लिन की कुछ गलियों और पार्कों में पेड़ों के खोखले तनों को सुंदर बुक शेल्व में बदल दिया गया है।इन पेड़ तनों में छोटे-छोटे काँच या लकड़ी के दरवाजों वाली अलमारियाँ होती हैं, जिनमें किताबें रखी जाती हैं।यहाँ कोई शुल्क नहीं, कोई सदस्यता नहीं — बस किताबें लें, पढ़ें, और चाहें तो अपनी कोई किताब रख दें।

यह पहल न केवल पढ़ाई और साहित्य प्रेम को बढ़ावा देती है, बल्कि यह प्रकृति और ज्ञान के गहरे रिश्ते को भी दर्शाती है।

🌍 दुनिया में और कहाँ?

देश                                    पहल                                             विशेषता

🇮🇶 इराक                     अल-मुतनब्बी स्ट्रीट                  किताबों का भरोसे पर आधारित खुला बाजार

🇩🇪 जर्मनी                 Öffentliche Bücherschränke         सार्वजनिक बुक शेल्व, बिना ताले

🇺🇸 अमेरिका                    Little Free Library                    घरों के बाहर छोटी लाइब्रेरी

🇯🇵 जापान                            Honesty Box                   भरोसे पर आधारित वस्तु और किताब विक्रय

🇮🇳 भारत में संभावनाएँ  

भारत की विविधता और साहित्यिक परंपरा ऐसी पहल के लिए उपजाऊ ज़मीन दे सकती है।पार्कों, विश्वविद्यालयों, कॉलोनियों में हम छोटे-छोटे बुक शेल्व शुरू कर सकते हैं।यह न केवल पढ़ने की आदत को बढ़ाएगा, बल्कि भरोसे और सामुदायिक सौहार्द का प्रतीक बनेगा।

✨ अंत में गर्व की बात है कि पेड़ों की अलमारी हमें सिखाती है

पेड़ों की अलमारी हमें सिखाती है कि किताबें केवल पन्नों में नहीं, हमारी सोच और समाज में भरोसे की जड़ें जमाने का ज़रिया बन सकती हैं। ज्ञान जब प्रकृति से जुड़ता है, तो उसकी जड़ें और भी गहरी होती हैं।

नोट:"यह आलेख मीडिया लिंक रविंदर के इनपुट और ChatGPT (OpenAI) की सहायता से तैयार किया गया है।"आपको यह प्रयास कैसा लगा अवश्य बताएं। आपके विचारों की इंतज़ार रहेगी ही। "यह आलेख मीडिया लिंक रविंदर की टीम के इनपुट और ChatGPT (OpenAI) की तकनीकी सहायता से और बेहतर बन पाया है और ब्लॉग का स्रोत है: iradgirad.blogspot.com"