शनिवार, अगस्त 31, 2019

यह मौत सच का ईनाम होती है---मंजुल भारद्वाज

Saturday: 31st September 2019:7:56 PM: FB Messenger
सच बोलिए! -*मंजुल भारद्वाज
सच के बदले मिलती है मौत यह मौत सच का ईनाम होती है आदि से आज तक इतिहास में दर्ज़ है सच बोलने वाला चाहे सुकरात हो मंसूर हो या गांधी सत्ता के अंधियारे में सच बोलना जुर्म है जिसकी सजा मौत है सत्ता हमेशा सच से कांपती है सच से मनुष्यता की जीत होती है तानाशाहों की हार
सच का साथी है विवेक इसलिए सच बोलिए मनुष्यता के लिए मानवता के लिए
सच ही प्राण है
आज के अंहकार और अंधकार से आपको सिर्फ़ सच बचा सकता है इसलिए सच बोलिए!
मंजुल भारद्धाज मुख्यता एक रंग चिंतक हैं। सामजिक सरोकारों पर उनके नाटक नयी चेतना जगाते ही रहते हैं- कभी देश के एक कोने में तो कभी किसी दुसरे कोने में। इसके साथ ही उनकी कविता भी अक्सर जन मंच की तरह कहीं न कहीं, कभी भी बुलंद आवाज़ लगा देती है। जागते रहो---संघर्ष नहीं छोड़ना। यूं लगता है उनकी कविता और नुक्क्ड़ नाटक एक ही कला के दो रूप हैं। आपको यह बात कहाँ तक सही लगी अवश्य बताना। उनकी मुख्य कर्मभूमि मुम्बई है लेकिन सारा जहाँ हमारा की भावना भी है। -रेक्टर कथूरिया

मंगलवार, अगस्त 27, 2019

श्री अमित खरे ने किया 7वें सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का उद्घाटन*

 प्रविष्टि तिथि: 27 AUG 2019 5:14PM by PIB Delhi
प्रत्येक आकांक्षी जिले में एक सामुदायिक रेडियो की स्थापना सरकार की प्राथमिकता:श्री अमित खरे
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री अमित खरे ने आज नई दिल्ली स्थित डॉ. बी.आर. अंबेदकर भवन में आयोजित 7वें सामुदायिक रेडियो सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर देश में कार्यरत सभी सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधि तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
श्री अमित खरे ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों पर आधारित एक पोस्टर प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
उद्घाटन अवसर पर श्री खरे ने सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के उत्साह की प्रशंसा की और कहा कि वे देश में सामुदायिक रेडियो आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने सामुदायिक रेडियो के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आपदाओ के वक्त सूचनाओं को तेजी से पहुंचाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि इन स्टेशनों में कार्यरत व्यक्तियों के मेहनत से विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव दिखाई पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो के लिये स्थानीय भाषा में सामग्री की आवश्यकता होती है। सामुदायिक रेडियो स्थानीय स्तर पर इन सूचनाओं का प्रसार करने के लिये हब की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक जिले में एक सामुदायिक रेडियो केन्द्र होना चाहिये और प्रत्येक आकांक्षी जिले में सामुदायिक रेडियो की स्थापना को प्राथमिकता दी जानी चाहिये। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से आग्रह किया कि उन्हें सामुदायिक रेडियो अपनाने के संदर्भ में ब्रांड एम्बेसेडर की भूमिका निभानी चाहिए।
सम्मेलन की थीम के बारे में श्री खरे ने कहा कि सामुदायिक रेडियो की सामग्री और सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के बीच परस्पर संबंध बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सामुदायिक रेडियो प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि उन्हें सरकार के कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचानी चाहिए। उन्होंने प्रतिनिधियों से कहा कि उन्हें स्थानीय स्तर पर शिक्षकों और खिलाड़ियों जैसे आदर्श व्यक्तियों का चयन करना चाहिए। इससे लोगों तक संदेश पहुंचाने की प्रक्रिया प्रभावी सिद्ध होगी।
इस अवसर पर श्री अमित खरे ने एक लघु फिल्म को लांच किया, जो सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से दिखाती है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अवर सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि सामुदायिक रेडियो स्थानीय लोगों को अवसर प्रदान करने का एक प्लेटफार्म है और यह सामुदायों के सशक्तीकरण के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एसडीजी की थीम है-‘किसी को पीछे नहीं छोड़ना है’। व्यक्ति को समुदाय के साथ जोड़ने से तथा समुदाय को राष्ट्र के साथ जोड़ने के साथ सामुदायिक रेडियो मजबूत बनेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री टी. सी. ए. कल्याणी ने देश के सभी भागों से आये सामुदायिक रेडियो प्रतिनिधियों को एक मिनी भारत की संज्ञा देते हुए कहा कि क्षमता निर्माण के जरिये सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की निरंतरता को बनाये रखा जा सकता है।
द एसडीजी जर्नी–लीविंग नो वन बिहाइंड पर आधारित दीक्षांत सत्र की अध्यक्षता नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार श्री राकेश रंजन ने की, जबकि सामुदायिक रेडियो : मुद्दे, विचार और अनुभव की अध्यक्षता पत्र सूचना कार्यालय की पूर्व महानिदेशक सुश्री एस्थर कार ने की। इस सत्र में सोशल मीडिया के जरिये सामग्री प्रबंधन, अनुसंधान, प्रोडक्शन, प्रसारण और सामग्री के प्रसार जैसे विषयों पर चर्चा की गई। आकांक्षी जिलों, आपदा संभावित क्षेत्रों, एलडब्ल्यूई क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक रेडियो स्टेशनों ने अपने अनुभाव साझा किये। प्रतिनिधियों ने एसडीजी, प्रशासन और पोषण जैसे विषयों के लिए सरकार के साथ जुड़कर कार्य करने के संदर्भ में अपने अनुभव साझा किए।   (PIB)
*श्री अमित खरे सूचना एवं प्रसारण सचिव हैं।  
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/जेके/डीएस– 2658   
(रिलीज़ आईडी: 1583181) आगंतुक पटल : 19 

सोमवार, अगस्त 26, 2019

सभी गांव ग्रामनेट के जरिये वाई-फाई से जल्द जुड़ेंगे:श्री धोत्रे

प्रविष्टि तिथि: 26 AUG 2019 3:51PM by PIB Delhi
सी-डॉट–एक्सजीएसपीओएन, सी-सैट-फाई और सीआईएसटीबी जैसे नए उत्पाद जारी    
सी-डॉट का 36वां स्थापना दिवस
सरकार ने आज अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि ग्रामनेट के जरिये सभी गांव में वाई-फाई उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी कनेक्टिविटी 10 एमबीपीएस से 100 एमबीपीएस गति के बीच होगी। आज नई दिल्ली में सी-डॉट के 36वें स्थापना दिवस समारोह में संचार राज्य मंत्री श्री संजय शामराव धोत्रे ने मुख्य वक्तव्य देते हुए कहा कि भारतनेट 01 जीबीपीएस कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है, जिसे 10 जीबीपीएस तक बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज सी-डॉट के. जारी होने वाले एक्सजीएसपीओएन से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत सहायता होगी। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर यह बापू को सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जिनका सपना था कि भारत के गांव आत्मनिर्भर बनें।
श्री धोत्रे ने कहा कि सी-डॉट की सी-सैट-फाई प्रौद्योगिकी से भारत के लोग, खासतौर से गांव और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके जरिये उन्हें टेलीफोन और वाई-फाई सुविधाएं मिलेंगी। इस प्रौद्योगिकी से देश के सभी भागों में यह सुविधा सभी मोबाइल फोनों पर उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि नई प्रौद्योगिकी से सुदूर स्थानों पर रहने वाले लोग उपग्रह के जरिये संपर्कता प्राप्त करके मुख्यधारा में आ जायेंगे।इन स्थानों पर फाइबर लाइन बिछाना कठिन होता है और वहां इंटरनेट उपलब्ध नहीं है। श्री धोत्रे ने सी-डॉट – एक्सजीएसपीओएन, सी-सैट-फाई और सीआईएसटीबी जैसे नए उत्पाद भी जारी किये।
इस अवसर पर सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक श्री विपिन त्यागी ने कहा कि सी-सैट-फाई वायरलैस और उपग्रह संचार पर आधारित है, ताकि दुर्गम स्थानों और दूरदराज के इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि इस सस्ती सुविधा में महंगे सेटेलाइट फोनों की जरूरत नहीं है और यह सुविधा वाई-फाई वाले फोन पर काम करेगी।
समारोह में ईटीएसआई के महानिदेशक श्री लुई जॉर्ज रोमेरो, भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत महामहिम श्री रेमंड मैगिस और संचार मत्रांलय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एकेपी/सीएस–2638
रिलीज़ आईडी: 1583066) आगंतुक पटल : 144