शनिवार, दिसंबर 01, 2018

पंजाब और हरियाणा के किसान देश का गौरव हैं-राष्‍ट्रपति को‍विंद

01 DEC 2018 3:42PM by PIB Delhi
13वां अंतरराष्‍ट्रीय कृषि मेला चंडीगढ़ में शुरू
राष्‍ट्रपति ने किया सीआईआई एग्रोटेक इंडिया-2018 का उद्घाटन
चंडीगढ़:दिसंबर  2018 (पीआईबी//इर्दगिर्द टीम):
चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में स्थित परेड ग्राउंड की चहल पहल आज पहले से कहीं ज़्यादा थी। अवसर भी ऐतिहासिक था। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज चंडीगढ़ में भारतीय उद्योग परिसंघ-सीआईआई द्वारा आयोजित 13 वें अंतरराष्‍ट्रीय कृषि मेले-एग्रोटेक इंडिया-2018 का उद्घाटन किया। गांवों के शहरीकरण और इसके साथ ही किसानी के सामने आ रही नई नई तकनीकी चुनैतियों की चर्चा इस प्रदर्शनी में समाधान के साथ की गयी है। आज शुरू हुई यह प्रदर्शनी चार दिसंबर तक चलेगी। गौरतलब है कि पंजाब का कोई भी मंत्री एग्रोटेक मेले में नहीं पहुंचा। यह कोई इतफ़ाक़ था या कोई मजबूरी यह तो सियासतदान ही जानते हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर आदि मौजूद थे, लेकिन पंजाब के किसी मंत्री ने इसमें शिरकत नहीं की। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह बीमार हैं, लेकिन उनकी गैर मौजूदगी में किसी मंत्री को भी नहीं भेजा गया। इस गैरमौजूदगी का अहसास देर तक महसूस किया जाता रहेगा। 
इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्‍ट्रपति ने कहा कि भारतीय कृषि को समकालीन नयी प्रौद्योगिकी के अनुरूप खुद को ढ़ालना होगा। जलवायु परिवर्तन, कीमतों में आने वाले उतार चढ़ाव और मांग में बदलाव के खतरों से निबटने के लिए पर्याप्‍त सुरक्षात्‍मक उपाय भी करने होंगे और साथ ही सतत निवेश और कारोबारी साझेदारी की ओर ध्‍यान देना होगा। ये सभी चीजें मिलकर कृषि उत्‍पादों के लिए अच्‍छी कीमत के साथ उसकी प्रतिस्‍पर्धात्‍मक क्षमता बढ़ाऐंगी जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भी देश के किसान तकनीक को अपनाने में उतने आगे नहीं आए हैं जितनी जरूरत है। तकनीक अपनाकर किसान पैदावार बढ़ा सकते हैैं। रिसर्च और मंडीकरण में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल अपनाकर छोटे किसानों को लाभ पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने खेती के रिसर्च सेक्टर में निवेश बढ़ाने की सलाह देते हुए कहा कि हरित क्रांति के बाद अब कोई नया बड़ा बदलाव रिसर्च में नहीं लाया गया है।
श्री को‍विंद ने कहा कि मानव इतिहास क्रम में विभिन्‍न पद्धतियों के मेल से कृषि का विकास होता रहा है। यह क्षेत्र एक-दूसरे से सीखने और अपने अनुभव साझा करने का आदर्श मंच है। इसमें विभिन्‍न क्षेत्रों और भौगोलिक परिस्थितियों में साझेदारी के काफी अवसर हैं। पिछले दशकों में विनिर्माण और मशीनीकरण कृषि क्षेत्र के लिए काफी उपयोगी रहा। आज के दौर में सेवा क्षेत्र और कृषि के बीच मजबूत संबंध उभर रहा है। जैव प्रौद्योगिकी, नैनो टेक्‍नॉलाली, डेटा विज्ञान, रिमोट सेंसिंग इमेंजिंग, हवाई और जमीनी वाहन तथा कृत्रिम मेधा में कृषि को और अधिक मूल्‍यवान बनाने की क्षमत नीहित है। राष्‍ट्रपति ने उम्‍मीद जताई कि एग्रोटेक इंडिया-2018 ऐसी विशिष्‍ट भागीदारी को बढ़ावा देगा, जिससे भारत के किसान लाभान्वित होंगे।
पराली जलाए जाने से होने वाले प्रदूषण की समस्‍या का जिक्र करते हुए राष्‍ट्रपति ने कहा कि पंजाब और हरियाणा के किसान देश का गौरव हैं। उन्‍होंने समाज के व्‍यापक हित में, आने वाली चुनौतियों और जिम्‍मेदारियों से कभी मुंह नहीं मोड़ा है। आज हम फसलों के अवशेषों को सुरक्षित तरीके से नष्‍ट करने की बड़ी समस्‍या से जूझ रहे हैं। बड़े पैमाने पर फसलों के अवशेष जलाने से प्रदूषण की गंभीर समस्‍या पैदा हो रही है जिससे बच्‍चे तक प्रभावित हो रहे हैं। श्री कोविंद ने कहा कि इन परिस्थितियों राज्‍य सरकारों के साथ ही किसानों तथा अन्‍य हितधारकों समेत हम सब की  यह जिम्‍मेदारी बनती है कि हम इस समस्‍या का समाधान निकालें। इस काम में प्रौद्योगिकी निश्चित रूप से काफी मददगार साबित होगी।
इस प्रदर्शनी में भी आजकल जी का जंजाल बनी पराली को जलाये जाने का मुद्दा चर्चा का विषय बना रहा। 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पराली जलाने की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए इसके प्रबंधन के लिए किसानों से आगे आने का आह्वान किया है। उन्होंने किसानों सहित राज्य सरकारों व इंडस्ट्री से भी इसका समाधान ढूंढने को कहा है। राष्ट्रपति शनिवार को सीआइआइ की ओर से आयोजित एग्रोटेक मेले का उद्घाटन करने के बाद किसानों, खेती वैज्ञानिकों व कृषि सेक्टर की मशीनरी बनाने वाले उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है की प्रालि के मुद्दे पर किसान समर्थक संगठन कई बार साफ़ कर चुके हैं कि पराली के धुएं को कोसने वाले 
राष्ट्रपति ने कहा कि पंजाब व हरियाणा के किसान चुनौतियों का सामना करने से कभी पीछे नहीं हटे हैैं और समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारियां निभाई हैं। आज हम फसली अवशेषों को जलाने की समस्या से दो-चार हो रहे हैं। यह समस्या हमारे बच्चों की सेहत को भी खराब कर रही है। इसलिए न केवल किसानों का बल्कि राज्य सरकारों और अन्य सभी लोगों का यह दायित्व बनता है कि इस समस्या से निपटने के लिए आगे आएं। टेक्नोलॉजी इसमें हमारी मदद कर सकती है।

इस मौके पर मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि पिछली सरकार की तुलना में एनडीए की मोदी सरकार ने खेती में निवेश को बढ़ाया है। इससे न केवल अनाज की पैदावार बढ़ी है बल्कि दूध की पैदावार में 28 फीसद और मछली पालन में 27 फीसद वृद्धि दर्ज की है। किसानों के लिए कई तरह के फंड स्थापित किए गए हैं। 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। डॉ. एमएस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर फसलों की कीमत लागत से 50 फीसद से ज्यादा पर खरीदने के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में भारी वृद्धि की गई है। आयोग ने मंडीकरण समेत अन्य जो भी सिफारिशें की थीं उन पर काम शुरू किया गया है।
एक लाख करोड़ का अनाज बचाने के लिए कर रहे काम : हरसिमरत
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि देश में हर साल एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का अनाज खराब होता है। इस अनाज को बचाने के लिए काम किया जा रहा है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का अभाव है, लेकिन मोदी सरकार ने फूड प्रोसेसिंग सेक्टर का अलग मंत्रालय बनाकर इस पर काम शुरू किया है। खेती संपदा योजना के तहत सात नई योजनाएं चलाई गई हैं जिसमें न केवल फूड को प्रोसेस करने पर काम किया जा रहा है बल्कि छोटे कोल्ड स्टोर बनाकर भी इन्हें बचाया जा रहा है।
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आर.के.मीणा/अर्चना/मधुलिका/सागर-11528

बुधवार, जून 06, 2018

साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज करने के लिए नई पहल

प्रविष्टि तिथि: 06 JUN 2018 8:07PM by PIB Delhi महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
ऑनलाइन केन्द्रीय सूचना प्रणाली शीघ्र ही स्थापित की जाएगी
श्रीमती मेनका संजय गांधी ने महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर सभी मंत्रालयों को पत्र लिखा
 विशेष प्रकोष्ठ बनाने के लिए कहा 
नई दिल्ली: 6 जून 2018: (पंजाब स्क्रीन ब्यूरो)::
महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध विशेषकर ऑनलाइन बाल यौन शोषण सामग्री, दुष्कर्म संबंधी वीडियो सामग्री और अन्य आपत्तिजनक सामग्री को हटाने से जुड़े मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी की अध्यक्षता में आज विभिन्न हितधारकों के साथ अपनी तरह की एक विशिष्ट गोलमेज बैठक आयोजित की गई। महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ हिंसा को लगातार जारी रखने के लिए डिजिटल माध्यम का व्यापक इस्तेमाल निरंतर बढ़ता जा रहा है।
उपर्युक्त बैठक में विभिन्न सरकारी हितधारकों, उद्योग संगठनों एवं भारतीय इंटरनेट सेवा प्रदाता संघ के साथ-साथ सोशल मीडिया एजेंसियों ने भी भाग लियाओ)। इस दौरान डेटा सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद द्वारा विचार-विमर्श किया गया। बैठक में सिविल सोसायटी का भी प्रतिनिधित्व रहा।
संपन्न बैठक में निर्णय यह लिया गया कि अगले 3 महीनों में निम्नलिखित कार्य किए जायेंगे:
साइबर अपराध के अंतहीन प्रकृति से महिलाओं और बच्चों को पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन बनाया जाए।
किसी भी समय कहीं से भी साइबर अपराध की शिकायतों को दर्ज करने और कार्यान्वितकरने के लिए एक ऑनलाइन केंद्रीय सूचना तंत्र का विकास किया जाए।
ऑनलाइन बीभत्स/अपमानजनक सामग्री को वास्तविक समयसीमा में हटाने/अवरुद्ध करने के लिए एक तंत्र बनाया जाए।
एकल सुविधा केन्द्र
193 एकल सुविधा केन्द्र (ओएससी), जिसे लोकप्रिय रूप से सखी केंद्र के नाम से जाना जाता है, पूरे देश में कार्य कर रहा है। आज नई दिल्ली में डब्ल्यूसीडी मंत्रालय की उपलब्धियों पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए, डब्ल्यूसीडी मंत्री ने कहा कि हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए पूरे देश में 193 सखी केंद्र स्थापित किए गए हैं। साथ ही मंत्री ने कहा कि अगले वर्ष तक एकल सुविधा केन्द्रों (ओएससी) की संख्या बढ़ाकर 600 कर दिए जाने का लक्ष्य है।इन केन्द्रों के जरिए 1.3 लाख महिलाओं को सहायता प्रदान किया गया है।
मंत्रालयों में महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर विशेष प्रभाग
मंत्री ने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हाल ही में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों के समाधान के लिए विशेष प्रभाग बनाया है। डब्ल्यूसीडी मंत्री ने सभी मंत्रालयों को इस तरह के प्रभाग बनाने के लिए पत्र लिखा है। मंत्री ने आगे कहा कि एमएचए सेक्स अपराधियों के राष्ट्रीय रिपोजिटरी (एनआरएसओ) का गठन कर रहा है। यौन अपराधियों की प्रोफाइल से जुड़ी जानकारी सभी राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों के साथ साझा की जाएगी।
निर्भया कोष  
निर्भया कोष के तहत मूल्यांकन की गई परियोजनाओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने महिलाओं की रक्षा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा निर्भया कोष के तहत 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है।
एनआरआई वैवाहिक विवाद
एनआरआई विवाह से संबंधित विवादों पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा कि डब्ल्यूसीडी मंत्रालय रजिस्ट्रार को यह आदेश जारी करने की प्रक्रिया में है कि एनआरआई विवाह अगर 48 घंटे के अंदर पंजीकृत नहीं होता है तो उन्हें पासपोर्ट/वीजा जारी नहीं किया जाए। रजिस्ट्रार ऐसे एनआरआई विवाहों का विवरण डब्लूसीडी मंत्रालय को भेजेंगे ताकि केंद्रीय डेटाबेस बनाया जा सके। मंत्रालय ने हाल ही में ऐसे मामलों में 6 लुक आउट सर्कुलर जारी किए हैं तथा 5 मामलों में  विदेश मंत्रालय द्वारा पासपोर्ट रद्द भी कर दिए गए हैं।
महिलाओं से संबंधित मामलों के लिए उन्नत डीएनए प्रयोगशाला
डब्ल्यूसीडी मंत्री ने 1 जून 2018 को सखी सुरक्षा उन्नत डीएनए प्रयोगशाला की नींव रखी ताकि केस-बैकलॉग को कम करने तथा महिलाओं और बच्चों को न्याय दिलाने के लिए यौन हमले के मामलों को तेजी से और अधिक प्रभावी ढंग से निपटाया जा सके।इसके लिए निर्भया कोष के तहत 99.76 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अगले 3 महीनों में मुंबई, चेन्नई, गुवाहाटी, पुणे और भोपाल में पांच और उन्नत फोरेंसिक प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी।
बलात्कार के मामलों के लिए विशेष फोरेंसिक किट: यौन उत्पीड़न के मामलों में अपराधियों को पकड़ने में फोरेंसिक के महत्व को रेखांकित करते हुए मंत्री ने कहा कि बलात्कार के लिए विशेष फोरेंसिक किट जुलाई के महीने तक सभी पुलिस स्टेशनों और अस्पतालों को वितरित कर दी जाएगी। इन किटों में सबूत इकट्ठा करने के लिए आवश्यक उपकरणों के साथ एकत्र किए जाने वाले साक्ष्य/नमूने की पूरी सूची होगी। फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को भेजने से पहले किट को पूरी तरह सील कर दिया जाएगा।
महिलाओं के लिए राष्ट्रीय नीति
मंत्रालय ने सभी हितधारकों से प्राप्त 15000 से अधिक सुझावों / टिप्पणियों पर विचार करने के बाद महिलाओं के लिए राष्ट्रीय नीति, 2017 का मसौदा तैयार किया है। एक संवाददाता द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि नीति कैबिनेट को सौंपस दी गई है।
मौत की सजा संबंधित अध्यादेश
बच्चों के साथ बलात्कार के अपराधियों को सख्त सजा देने के लिए, सरकार ने आईपीसी और सीआरपीसी में संशोधन कर मृत्युदंड देने के एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। 12 वर्ष की उम्र तक की लड़कियों के बलात्कारियों को मौत की सजा के लिए एक नया प्रावधान जोड़ा गया था।  
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी)
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना जनवरी 2015 में सेक्स चयन को रोकने, लड़कियों के संरक्षण और सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
अप्रैल-मार्च, 2015-16 और 2016-17 के बीच की अवधि में 161 जिलों के लिए एमओएच एंड एफडब्ल्यू के नवीनतम एचएमआईएस डेटा के अनुसार उत्साहजनक रुझान दिखाई दिए हैं;
104 बीबीबीपी जिलों में एसआरबी की प्रवृत्ति में सुधार दिखाई दिया है।  
एंटी-नाटल केयर पंजीकरण के मामलों में 119 जिलों में पहले तिमाही में पंजीकरण में तेजी आई है।
146 जिलों में संस्थागत डिलीवरी में सुधार दिखाई दिया है।
एसएचई बॉक्स (SHe-BOX)
कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए पहली इस तरह की ऑनलाइन रिपोर्टिंग और शिकायत प्रबंधन प्रणाली 2017 में शुरू की गई थी। पोर्टल पर लगभग 191 शिकायतें दर्ज की गई और मंत्रालय ने उन पर कार्रवाई की।
प्रसूति लाभ (संशोधन) अधिनियम, 2017 
प्रसूति लाभ (संशोधन) बिल, 2016 27 मार्च, 2017 को एक अधिनियम बन गया।इस अधिनियम के तहत मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह तक कर दिया गया जो इस तरह का दुनिया में तीसरा देश बन गया है।कमीशनिंग और गोद लेने वाली मांएं भी 12 सप्ताह के मातृत्व अवकाश की हकदार हैं, बशर्ते बच्चे की उम्र 3 महीने से कम हो। 50 या अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों में अनिवार्य क्रैच सुविधा भी देने की भी प्रावधान इस अधिनियम के माध्यम से किया गया है।   
निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों के लिए प्रशिक्षण
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पिछले वर्ष पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों (ईडब्ल्यूआर) का प्रशिक्षण का कार्य किया है ताकि वे अपने गांवों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकें और जमीनी परिवर्तन लाकर विकास की दिशा में अग्रसर हो सकें।इसके तहत अब तक 18,578 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है और इस वित्त वर्ष में 20,000 निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों को और प्रशिक्षित किया जाएगा।
नई टैक्सी नीति दिशानिर्देश
महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से 2017 में नई टैक्सी नीति दिशानिर्देश लाया गया था। इसके तहत सभी टैक्सियों में जीपीएस पैनिक डिवाइस, बच्चों के लिए-लॉकिंग सिस्टम को अक्षम करना, वाहनचालक के फोटो और पंजीकरण संख्या के साथ चालक की पहचान को प्रदर्शित, सीट सांझा करना महिला यात्रियों की इच्छा के अधीन होना आदि अनिवार्य किया गया है।   
181 महिला हेल्पलाइन
यह एक देशव्यापी टोल फ्री नंबर है जो हिंसा से प्रभावित महिलाओं को 24 घंटे की आपातकालीन और नन-आपातकालीन  सुविधा प्रदान करता है। इसके माध्यम से अब तक 16.5 लाख से अधिक महिलाओं की सहायता दी गई है।
पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय संवेदनशील मामलों में समग्र पुलिस प्रतिक्रिया में सुधार लाने और पुलिस बल में महिलाओं को आगे लाने के लिए एमएचए (गृह मंत्रालय) के साथ काम कर रहा है।
पुलिस में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 33 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए सभी राज्य सरकारों को सलाह दिया गया है।33 प्रतिशत आरक्षण को 10 राज्यों और 7 केंद्रशासित प्रदेशों तक कर दिया गया है
विधवाओं के लिए घर
केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित 1000 विधवाओं की क्षमता वाले एक विधवा घर  वृंदावन (यूपी) में शुरू किया गया है, जिसमें हर तक सुविधा दी जा रही है।
जेलों में महिलाएं
जेल में महिलाओं और बच्चों की हालत के अध्ययन के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। इस संबंध में गृह मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट को सिफारिशें भेज दी जाएंगी।
पोशन (POSHAN) अभियान
इसे 8 मार्च 2018 को प्रधान मंत्री द्वारा शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य बच्चों (0-6 वर्ष), किशोरावस्था वाली लड़कियों और गर्भवती महिलाओं तथा स्तनपान कराने वाली माताओं की पोषण संबंधी स्थिति में सुधार हासिल करना है।
पॉक्सो ई-बॉक्स
पॉक्सो ई-बॉक्स (http://ncpcr.gov.in/) अगस्त 2016 में शुरू किया गया था और बच्चों या किसी वयस्क के लिए बाल यौन दुर्व्यवहार या उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक आसान और उपयोगी सुविधा है।अब तक पोर्टल पर 1100 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।
बच्चों के लिए हेल्पलाइन (1098)
यह मुश्किल में फंसे बच्चों के लिए राष्ट्रव्यापी आपातकालीन हेल्पलाइन है। यह वर्तमान में पूरे देश में 435 स्थानों पर परिचालित है। इस पर 2014 से हर वर्ष 1.8 करोड़ कॉल प्राप्त होते हैं।
ट्रैकचिल्ड और खोयापाया पोर्टल (Trackchild and KhoyaPaaya)
इन दोनों पोर्टल का उद्देश्य निम्नलिखित है:
लापता बच्चों की समय पर निगरानी सुनिश्चित करना
लापता बच्चों के लिए त्वरित प्रत्यावर्तन और पुनर्वास सुनिश्चित करना
बाल देखभाल संस्थानों में बच्चों की निगरानी सुनिश्चित करना
प्रक्रिया में शामिल संगठनों के लिए एक ढांचा स्थापित करना
173441 बच्चों को इस प्रक्रिया के माध्यम से मिलाया गया है।
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वीके/एएम/आरआरएस/पीकेपी/डीके – 8844  

रविवार, मई 20, 2018

FIB की नई पहल:पंजाब में नशे के जहर को रोकने की तैयारी

एक एक चेहरा किया जायेगा बेनकाब 
लुधियाना:19 मई 2018: (इर्द गिर्द टीम)::  
F.I.B. Media Inteligence Service  फिर तैयार है।  इस बार एक  नै जंग का ऐलान। पंजाब को नशे के ज़हर से अब हर तरह मुक्त किया जायेगा। इस मकसद के लिए इस संगठन ने अपनी कमर कस ली है। संगठन के प्रमुख डाक्टर भारत ने बताया कि हम किसी दबाव में आने वाले भी नहीं और न ही किसी लालच के जाल में। हमें अपने नेटवर्क से जो भी सूचना मिलेगी हम उस का पता लगाएंगे। हम न तो अदालत है और न ही पुलिस लेकिन नशे का ज़हर फ़ैलाने वाले हर चेहरे को हम बेनकाब अवश्य करेंगे। हमारे संगठन से हमदर्दी रखने वाले लोग उस मामले को मीडिया तक भी ले जायेंगे, अदालत तक भी और पुलिस तक भी। हम अपना काम करेंगे और हमारे सहयोगी अपना काम करेंगे। 
डाक्टर भारत ने कहा कि जबतक समाज के अग्रणीय व सामाजिक संगठन खुलकर पुलिस प्रशासन का सहयोग नहीं करते रब तक समाज में फ़ैल चुके नशे रूपी कुष्ट रोग के इस कैंसर को नहीं ख़त्म किया जा सकता।  यह जंग अकेले पुलिस के बस की बात नहीं जो समाज में फैली इन बुराइयों को ख़त्म  कर सके।इसके साथ बहुत सी अन्य बुराईयां भी जुडी हुई हैं।
      इस मीटिंग में डाक्टर भारत ने कहा कि वही देश समाज तरक्की कर आगे बढ़ कर शक्तिशाली हो सकता है जिस देश के नागरिक अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए  असामाजिक तत्वों और बुराइयों के खिलाफ दृढ़ता से खड़े होकर मुकाबला कर जड़ से उखाड फेकने में सक्षम हों।  यह जाहिर  हो चूका है की कुछ तथाकथित राजनीतिक और कुछ भ्र्ष्ट नौकरशाहियों की वजह से हर तरह के अपराध जहाँ बढ़ते जा रहे हैं वहीँ कैंसर कोढ़ रूपी नशीले वस्तुवें  चिट्टा , ब्राउनशुगर , सिन्थेटिक , हैरोइन जैसी घातक ड्रग्स ने समाज को विकृति और खोखला कर दिया है। 
       इन्ही सब बातों को लेकर  राष्ट्र हित में काम करने वाला यह जानामाना गुप्तचर मीडिया संगठन  अब पूरी तरह सक्रिय है। (F.I.B. फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो) के मुख्य कार्यालय, जो लुधियाना के सिविल लाइन्स क्षेत्र में है के कार्यालय में  पंजाब मार्केटिंग मुलाजिम जत्थेबंदी के अकाउंटेंट सुपरिंटेंडेंट सुरजीत सिंह जोहल ( जालंधर ) पंजाब एलेक्ट्रसिटी बोर्ड़ रोपड़ से जूनियर इंजीनियर दर्शन सिंह , पंजाब  सरकार सेवा  के पूर्व अधिकारी  हरजीत सिंह मरिंडा रोपड़ ,   आनंदपुर साहिब से पंजाब बिजली बोर्ड के रि. अधिकारी दर्शन सिंह  व बलजिंदर सिंह संधू  ने ब्यूरो के डायरेक्टर = अध्यक्ष  डॉ.  भारत से विशेष मुलाक़ात  कर  जहाँ देश समाज में ब्याप्त बुराइयों को रोकने और संगठन द्वारा राष्ट्र हित में किये जा रहे कार्यों को सहयोग करने का बचनबद्ध हुए।  अलग अलग इलाकों के लोगों से अलग अलग बैठकों का यह सिलसिला अभी जारी है। 

शनिवार, मार्च 24, 2018

खुदकुशियों के मौसम में भी ज़िंदगी के गीत गुंजा रहे है PAU के किसान मेले

आंवला कैंडी से ले कर सोलर कूकर तक सफलता की गौरवगाथा 
लुधियाना: 24 मार्च 2018: (कार्तिका सिंह//इर्द गिर्द)::
हालात कुछ भी हो सकते हैं।  अच्छे भी बुरे भी। हम सभी की ज़िंदगी हमें बहुत से कड़वे अनुभव भी करवाती है जो हमें हर बार कोई न कोई नई सीख दे कर जाते हैं। यह कडुवाहट उस कड़वी दवा की तरह होती है जो हमारी बीमारी को ठीक कर के एक नयी ज़िंदगी देती है। संघर्ष की इस बेचैनी के बाद जो  स्कून मिलता है उसके आनंद की बराबरी जल्दी किये सम्भव ही नहीं होती। 
गुरवंत सिंह ने भी ऐसे दिन देखे। राजनीतिक सोच वामपंथी रही।  सीपीआई से जुड़े हुए भी हैं। इस सब के बावजूद विचारों में कभी कटड़ता नहीं आने दी। अन्ना हज़ारे के ग्रुप से संदेश आये तो उन को भी सहयोग दिया और अगर मेधा पाटेकर के साथियों ने कुछ कहा तो उनका भी साथ दिया। मकसद था बदलाव-किसी भी बहाने--किसी भी तरह। 
बदलाव का यह प्रयास केवल सियासत के मामले में नहीं था। उन्होंने व्यक्तिगत ज़िंदगी में भी हर पल स्वस्थ बदलाव के लिए निरंतर साधना की। खुद फैक्ट्री का मालिक होते हुए भी ज़रूरत पड़ने पर मज़दूरों की तरह काम किया। खेती विरासत मिशन की तरफ झुकाव हुआ तो उनका भी सक्रिय हो कर साथ दिया। 
समाज सेवा की तरफ लगातार बढ़ते रहे इस झुकाव ने काम-काज चौपट कर दिया। भाई की मौत ने उन्हें बहुत गहरा सदमा दिया। निराशा के इस गहन अँधेरे में एक बार फिर हिम्मत का हाथ पकड़ा।  हिम्मत ने रास्ता दिखाया। इस मामले में एक बार फिर पत्नी से भी साथ मिला और बेटियों से भी। पीएयू की ट्रेनिंग ने नया उत्साह और नई ऊर्जा दी। 
सोलर ऊर्जा की तरफ भी प्रयास किये जो कामयाब रहे। ज़िंदगी जो जो रंग दिखाती रही--गुरवंत सिंह उन्हें ध्यान से देखते भी रहे स्वीकार भी करते रहे। फिर धीरे धीरे उभरने लगा एक नया रंग। रात्रि के गहन अँधेरे के बाद उषा की लालिमा दस्तक देने लगी। 
गुरवंत सिंह की ज़िंदगी में एक नई ज़िंदगी की सुबह आने लगी। धोखे-फरेब और की विश्वासघात  की चोटों के बाद मिली संघर्ष से मिली सफलता की चमत्कारी मरहम। इस मरहम ने अपनों से मिली चोटों से लगे ज़ख्मों का दर्द दूर किया। एक नई राहत दी। नया हौंसला दिया। जिंदगी ने एक बार फिर सफलता की रफ्तार पकड़ ली। आज फिर गुरवंत सिंह सफलता की नई शिखरें छूने के लिए तैयार हैं। किसान मेले में उनसे और उनके परिवार से हुई भेंट यादगारी रही। उनके स्टाल पर आंवला कैंडी से ले कर आंवला शर्बत और सोलर कुकर तक बहुत कुछ था जो किसान मेले में आये लोगों को आकर्षित कर रहा था। गर्मी की धुप और किसान मेले के रास्तों से उड़ती धूल ने सारे परिवार के चेहरों का रंग कुछ सांवला कर दिया था लेकिन इस के बावजूद संघर्ष से मिली सफलता की चमक अपना रंग दिखा रही थी। जिम्मेदारियों का बोझ वरिष्ठता की गंभीरता भी दिखा रहा था। अपने पांवों की मजबूत होती स्वतन्त्रता की ख़ुशी भी सभी के चेहरों पर नजर आ रही थी। उनसे हुई बातचीत आप देख सकते इस पोस्ट के साथ दी गई वीडियो में। उन्हें देख कर याद आ रही हैं स्वर्गीय दुष्यंत कुमार जी की पंक्तियाँ:
कैसे आकाश में सूराख़ हो नहीं सकता
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो। 
किसान मेले लगते रहें। खुदकुशियों के मौसम में भी ज़िंदगी के गीत गूंजते रहें। निराशा के गहरे अंधेरों में भी संघर्ष का सूर्य चमकता रहे। ऐसी बहुत सी उमीदें हैं जो गुरवंत सिंह जैसे परिवारों को देख कर पूरी होने का विश्वास होने लगता है। सपनों को साकार करने का यह काफिला बढ़ता रहे। इसी कामना के साथ। 
                                                                                             -कार्तिका सिंह